नई दिल्ली : अपोलो हॉस्पिटल और डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने स्पुतनिक- वी के साथ कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है. टीकाकरण कार्यक्रम के पहले चरण की शुरुआत अपोलो के केंद्रों में सोमवार को हैदराबाद में और इसके बाद मंगलवार (18 मई) को विशाखापत्तनम में होगी. आपको बता दें कि रूसी टीके स्पूतनिक वी के तीसरे चरण के परीक्षण में यह 91.6 फीसदी प्रभावी साबित हुई. साथ ही, इसका कोई साइड इफेक्ट भी नजर नहीं आया है.

परीक्षण के करीब दो महीने बाद भारत ने अप्रैल में इस रूसी टीके के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी।.स्पूतनिक वी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की तरह की एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है. मगर किसी अन्य कोरोना वैक्सीन के विपरीत इस वैक्सीन की दोनों खुराकें एक दूसरे से अलग होती हैं.
जानिए टीकाकरण कार्यक्रम
डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि हैदराबाद और विशाखापत्तनम में इस पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. इसके बाद टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता और पुणे में किया जाएगा.
क्या है कीमत
डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज ने स्पूतनिक V की कीमत 948 रुपये और 5 फीसदी जीएसटी देना होगा. इस तरह एक डोज 995.40 रुपये की पड़ेगी. अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, अपोलो हॉस्पिटल में इस वैक्सीन के लिए 1250 रुपये देने होंगे.
जानिए क्या है रणनीति
अपोलो हॉस्पिटल की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने कहा कि अपोलो को एक महीने की अवधि में कोविड-19 वैक्सीन की 10 लाख खुराकें मिलेंगी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह बताते हुए खुशी है कि अपोलो हॉस्पिटल ने भारत में इस्तेमाल की इजाजत पाने वाली पहली विदेशी वैक्सीन स्पुतनिक वी के लिए डॉ रेड्डीज के साथ साझेदारी की है. इसके साथ ही हमें लोगों के टीकाकरण के लिए एक महीने में 10 लाख से अधिक खुराकें मिलेंगी. ’
COVID मरीजों में सामने आए ब्लैक फंगस इंफेक्शन के मामले, जानें क्या हैं लक्षण
टीकाकरण के लिए सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा, जिसमें कोविन पर पंजीकरण शामिल है.अपोलो हॉस्पिटल के अध्यक्ष (चिकित्सा प्रभाग) हरि प्रसाद ने कहा, इस पायलट चरण के जरिए डॉ रेड्डीज और अपोलो की व्यवस्थाओं तथा कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स का परीक्षण करने में मदद मिलेगी. हमें भरोसा है कि स्पुतनिक वी वैक्सीन के साथ, हम कोविड वैक्सीन की उपलब्धता और पहुंच को आसान बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे.