नई दिल्लीः WhatsApp ने भारत में 15 मई से लागू होने वाली नई प्राइवेसी पॉलिसी को फिलहाल टाल दिया है. लेकिन इस प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवाद थमा नहीं है. केंद्र सरकार ने इस पर नाराजगी जताई है. सरकार ने व्हाट्सएप को नई पॉलिसी वापस लेने के लिए सात दिन का नोटिस दिया है. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट में भी ये मामला विचाराधीन है।
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WhatsApp को सरकार की फटकार
बता दें की इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 18 मई को व्हाट्सएप को एक पत्र लिखकर कहा कि सात दिन के भीतर संतोषजनक जवाब न मिलने पर कानून के अनुरूप जरूरी कदम उठाए जाएंगे. मंत्रालय ने मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए साफ किया कि कई लोग दैनिक जीवन में संदेश भेजने के लिए व्हट्सएप पर निर्भर हैं ऐसे में कंपनी द्वारा भारतीय उपयोगकर्ताओं पर ‘अनुचित शर्तें थोपना एक गैर जिम्मेदाराना रवैया है.’
क्या है विवाद ?
दरअसल ये सारा विवाद व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर है. कंपनी ने एक स्टेटमेंट में कहा था कि यदि यूजर्स 15 मई तक नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं तो फंक्शन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. निजता नीति में किए गए बदलाव लागू करने के लिए 15 मई की समयसीमा तय की गई थी, लेकिन बाद में यह समयसीमा रद्द कर दी गई।

कंपनी ने प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करने की नई तारीख का एलान नहीं किया है. पहले यह नई प्राइवेसी पॉलिसी 8 फरवरी से लागू होनी थी. तब भी विरोध हुआ था जिसके बाद इसे 15 मई तक के लिए टाल दिया था. अब फिर विवाद होने पर फिलहाल टाल दिया गया है. लेकिन कंपनी ने बयान में कहा है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए यूजर्स को रिमाइंडर भेजना जारी रहेगा।
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नई प्राइवेसी पॉलिसी
व्हाट्सएप ने ये नई प्राइवेसी पॉलिसी अपनी पैरेंट कंपनी फेसबुक को ध्यान में रखकर तैयार की है. इसके तहत कंपनी व्हाट्सएप का डेटा फेसबुक, इंस्टाग्राम के साथ शेयर कर सकती है. लेकिन ये नई पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट होल्डर्स के लिए है. यानी व्हाट्सएप पर बिजनेस अकाउंट वाले यूजर्स का डेटा ही कंपनी आगे शेयर करेगी. निजी व्यक्ति का चैटिंग डेटा कंपनी नहीं देखेगी।