नई दिल्ली: देश के सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में शुमार जेएनयू क्या बदल जायेगा JNU का नाम, शिक्षा मंत्री ने लोकसभा में दिया भाषण का नाम बदलने की कई लोग मांग कर रहे हैं। इस संबंध में आज शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा। सरकार के पास जेएनयू का नाम बदलने को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं है।
JNU विवेकानंद विश्वविद्यालय नाम करने की हो रही है मांग
बता दें कि भाजपा महासचिव सीटी रवि ने पिछले साल जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद करने का प्रस्ताव दिया था। वहीं इस संबंध में महासचिव ने ट्वीट भी किया था। उन्होंने लिखा था, ‘यह स्वामी विवेकानंद हैं। जो भारत की विचारधारा के लिए खड़े थे। उनके दर्शन और मूल्य भारत की ताकत को प्रदर्शित करते हैं। इसलिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय कर देना चाहिए।

जेएनयू के छात्र और शिक्षक कर रहे है विरोध
ज्ञात हो कि इसके पहले भी यूनिवर्सिटी का नाम बदलने को लेकर मांग उठ चुकी है। इसके पहले भाजपा के सांसद हंसराज हंस भी जेएनयू का नाम बदलने की मांग कर चुके हैं। हालांकि जेएनयू के छात्र और शिक्षक ऐसी किसी मांग का कड़ा विरोध करते रहे हैं।
नया विश्वविद्यालय बनाएं
वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू के प्रोफेसर प्रो. मकरंद परांजपे ने इस मांग को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया में कहा था कि जो इस तरह की मांग करते हैं। वे स्वामी विवेकानंद के नाम पर विशाल और अच्छा विश्वविद्यालय बनाएं। नया विश्वविद्यालय बनाएं, जेएनयू का नाम क्यों बदलना है?
जेएनयू को दोबारा खोल दिया गया
वहीं इसके बीच में हाल ही में जेएनयू कैंपस को दोबारा खोल दिया गया है। इसके तहत हाल ही में एमबीए, एमटेक, एमफिल और एमबीए के फाइनल ईयर के छात्र-छात्राओं के लिए यूनिवर्सिटी खोल दी गई है। कैंपस और हॉस्टल दोनों में आने की अनुमति दे दी गई है। इसके अलावा विश्वविद्यालय के बी आर अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी ने भी फिर से खुलने की घोषणा की गई थी।