बाइडन की जीत से पेरिस समझौते में फिर होगा शामिल – America

नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव में जीत की ओर पहुंचे डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने भरोसा दिलाया कि उनके राष्ट्रपति बनने पर अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते में दोबारा शामिल होगा। हालांकि, बाइडन अभी चुनाव नहीं जीते हैं, लेकिन वह बहुमत के करीब पहुंच चुके हैं। चुनाव जीतने के लिए 270 इलेक्टोरल मत हासिल करना आवश्यक है और बिडेन को 264 इलेक्टोरल मत मिल चुके हैं।

अमेरिका चार नवंबर को औपचारिक रूप से 2015 के पेरिस जलवायु समझौते से अलग हो गया था। बाइडन ने बुधवार रात ट्वीट किया, आज ट्रंप प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर पेरिस समझौते को त्याग दिया। 77 दिन बाद बिडेन प्रशासन इस समझौते में दोबारा शामिल होगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने 2017 ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती से संबंधित इस ऐतिहासिक समझौते से अमेरिका को अलग करने की इच्छा जाहिर की थी और पिछले साल संयुक्त राष्ट्र को औपचारिक रूप से इस संबंध में अधिसूचित किया था। अनिवार्य एक साल की प्रतीक्षा अवधि पूरा होने पर अमेरिका बुधवार को इस समझौते से बाहर आ गया था।


अमेरिका पेरिस जलवायु संधि से निकलने वाला एक मात्र देश है। हालांकि, वह अब भी जलवायु पर अपनी राय रख सकता है, लेकिन अब उसकी स्थिति बस एक ‘पर्यवेक्षक’ की होगी। इस ऐतिहासिक करार में धरती के बढ़ते तापमान को दो डिग्री के नीचे रखने की व्यवस्था पर बल दिया गया है। तब ट्रंप ने दावा किया था कि इससे 2025 तक अमेरिका में 25 लाख नौकरियां चली जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा था कि इससे चीन और भारत जैसे बड़े कार्बन उत्सर्जन वाले देशों को बड़ी छूट मिल जाएगी।

पेरिस समझौते से अमेरिका के हटने पर संयुक्त राष्ट्र और कुछ सदस्य देशों चिली, फ्रांस, इटली व ब्रिटेन ने अफसोस जताया है। संयुक्त बयान में कहा गया कि वे जलवायु के मुद्दे पर कार्रवाई को गति देने के लिए सभी अमेरिकी हितधारकों और दुनियाभर में साझेदारों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें अफसोस है कि अमेरिका औपचारिक रूप से पेरिस समझौते से बाहर हो गया। यूएन प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कहा, मजबूत और सक्रिय पेरिस समझौते के प्रति हमारा विश्वास और समर्थन दृढ़ है।

 

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