नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जमीनों के मामले में जनता को बड़ी राहत दी है। बताया जा रहा है की योगी सरकार ने जमीन की धोखाधड़ी रोकने के साथ ही भू-माफिया पर शिकंजा कसने के लिए हर जमीन का 16 अंक का यूनीक आइडी नंबर जारी करने का फैसला कर लिया है। राजस्व विभाग ने इस मामले को लेकर तैयारी तजि से शुरू कर दी है

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जमीन की धोखाधड़ी पर लगेगा विराम-
ऐसा बताया जा रही है की सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में जमीनों को लेकर बढ़ते धोखाधड़ी के मामलों पर अब पुण्य विराम लगेगा। सरकार ने धोखाधड़ी रोकने के लिए हर जमीन का 16 अंकों का यूनिक आईडी नंबर आवंटित कराने की प्रक्रिया और तेज कर दी है। राजस्व विभाग कृषि, आवासीय व व्यवसायिक भूमि को चिह्नति कर यूनिक आईडी नंबर जारी कर रहा है। इससे कोई भी व्यक्ति घर बैठे एक क्लिक करके जमीन का पूरा ब्योरा जान सकेगा। सभी राजस्व गांवों में भूमि के लिए यूनिकोड का मूल्यांकन शुरू हो गया है।

यूनीक आइडी कोड होंगे जारी-
यूनीक आइडी कोड की मदद से विवादित भूमि के फर्जी बैनामों पर रोक लगाई जा सकेगी। प्रदेश भर में इस योजना को लागू किया जा रहा है। ज्यादातर जिलों में इस पर काम शुरू हो गया है। राजस्व गांवों में अवस्थित भूखंड़ों के लिए यूनीक कोड निर्धारण और वादग्रस्त भूमि का राजस्व न्यायालय कंप्यूटकरीकरण प्रबंध प्रणाली में अंकन करने का काम किया जा रहा है। इस योजना में जमीन के पुराने मालिक के साथ ही नए मालिक का भी नाम दर्ज होगा।
सोलह अंकों का होगा कोड-
जमीनों के गाटे का यह यूनिक कोड सोलह अंकों का होगा। पहले एक से लेकर छह अंक गांव की जनगणना के आधार पर होगा। सात से दस तक भूखंड की गाटा संख्या और 11 से 14 अंक जमीन के विभाजन का नंबर होगा। 15 से 16 नंबर भूमि की श्रेणी होगी। जिससे कृषि, आवासीय और व्यवसायिक भूमि चिन्हित की जा सकेगी। राज्य के हर हिस्से की अपनी अलग पहचान होगी, जो अब भूमि विवाद के मामलों की जांच करेगा और लोगों को धोखेबाजों के जाल में फंसने से बचाएगा।