नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में लव जिहाद पर जल्द ही सख्त कानून बनाया जाएगा। इसको लेकर योगी सरकार उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लाएगी। इसके तहत जबरन धर्मांतरण पर पांच साल तथा सामूहिक धर्मांतरण कराने के मामले में 10 साल तक की सजा का प्रावधान किए जाने की तैयारी है। यह अपराध गैरजमानती होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपराधिक मानसिकता जबरन धर्मांतरण के मामले को लेकर कड़ा कानून बनाने की घोषणा की थी, जिसके बाद गृह विभाग ने लव जिहाद को लेकर अध्यादेश का मसौदा तैयार किया है।

मसौदे में जबरन, प्रलोभन देकर या विवाह के जरिये धर्म परिवर्तन कराने को अपराध की श्रेणी में रखने की बात कही गई है। कपटपूर्वक धर्म परिवर्तन के मामलों में आरोपी को ही साबित करना होगा कि ऐसा नहीं हुआ। फिलहाल, न्याय विभाग इस पर मंथन कर रहा है। पूर्व में विधि आयोग ने जबरन धर्मांतरण पर रोकथाम कानून बनाने के लिए यूपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल-2019 का प्रस्ताव शासन को सौंपा था। आयोग ने दूसरे राज्यों में लागू कानून की बारीकियों को देखते हुए अपना प्रस्ताव बनाया था।

खबरों के मुताबिक नए कानून में पांच से लेकर 10 साल तक की सजा के प्रावधान किए गए हैं. अगर ये साबित होता है कि धर्म परिवर्तन केवल शादी के लिए किया गया है तो शादी को भी अमान्य घोषित किया जा सकता है. धर्म परिवर्तन के लिए जिला मजिस्ट्रेट को एक महीने पहले बताना होगा. इसके उल्लंघन पर 6 माह से तीन साल तक की सजा का प्रावधान है. जबरन धर्मपरिवर्तन के मामले में 5 साल और सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में 10 साल तक की सजा संभव है. साथ ही आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाएगा और अपराध गैरजमानती होगा।
उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्य भी लव जिगाद के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी कर रहे हैं ।