नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल जीवन मिशन की योजनाओं को रफ्तार देने के लिए 3000 से ज्यादा लोगों की भर्ती करने वाली है। बता दे की यह लोग नए बनने जा रहे निदेशालय में रखे जाएंगे। इसमें अधिकारियों, कर्मचारियों के 3130 के पदों पर लोगो की भर्ती आउटसोर्स से होगी। जिसमे की 359 पद तीन साल के अनुबंध से भरे जाएंगे और बाकि 572 पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे।

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जल मिशन की योजनाओं पर काम
बता दे की मंडल व जिला स्तर पर प्रशासनिक कर्मचारी की तैनाती की जाएगी। इस निदेशालय को बनाने की पुरी अनुमति पिछले साल सितंबर में दी गई थी। बताया गया है की जल निगम के पास पर्याप्त तकनीकी मानव संसाधन उपलब्ध नहीं है। जल निगम ने जल मिशन की योजनाओं में तकनीकी काम राज्य सरकार से मिलने वाली सेंटेज की 12.5 % धनराशि के जरिए समय से करने में असमहता जताई। जबकि केंद्र सरकार ने जल मिशन की योजनाओं को समय से पूरा करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है। इस कारण नया निदेशालय बना कर नया प्रशासनिक तंत्र खड़ा कर इस काम को तेजी से पूरा करने का निर्णय लिया गया है।

पाइप पेयजल योजना समय से लागू
ऐसा सानुषित किया गया है की जल गुणवत्ता जांचने के लिए सभी जल प्रयोगशालाएं इस निदेशालय के तहत काम करेंगी। अभी तक जांच काम अन्य संस्था के द्वारा होता था। 129 प्रयोगशालाओं का नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड केलीब्रेशन से एक्रीडिएशन कराया जा सकेगा। कार्मिकों की कमी दूर होने से जेई व एईएस व खराब जल गुणवत्ता वाले जिलों में पाइप पेयजल योजना समय से लागू की जा सकेगी। जल जीवन मिशन की अन्य योजनाएं प्रभावी तरीके से लागू होंगी। बुंदेलखंड व विन्ध्य क्षेत्र में 15,707 करोड़ रुपये की योजना लागू करने में तेजी आएगी। आने वाले बजट में इस नए निदेशालय के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था होगी।