नई दिल्ली : कोरोना महामारी के बाद केन्द्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में स्वास्थ्य बजट में 135 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है इसका लाभ उत्तर प्रदेश को ज्यादा मिलता दिखाई दे रहा है। अर्थशास्त्रीयों कि मानें तो इससे यहां स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो जाएंगी साथ ही रोजगार भी तेजी से उत्पन्न होंगे बजट में मेडिकल इक्यूपमेंट्स और दवाइयों के निर्माण के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा पहले से उठाए जा रहे कदमों को यह केन्द्रीय बजट और आगे ले जाएगा।

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हर जिले में इंटीग्रेटेड लैब की स्थापना-
आपको बता दें कि यूपी की सरकार पहले ही प्रदेश में बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने पर काम कर रही है जिसका सीधा लाभ यूपी को मिलना ही है। क्योंकि इन पार्कों के निर्माण से एक तरफ जहां सस्ती दवाएं और मेडिकल इक्यूपमेंट्स मिल सकेंगे वहीं रोजगार तो मिलेंगे ही। दरअसल केन्द्र की सरकार ने स्वास्थ्य बजट को 94,452 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,23,846 करोड़ रुपये करा है जिसमें देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा यूपी को बड़ा लाभ मिलेगा। यूपी के हर जिले में इंटीग्रेटेड लैब की स्थापना की जाएगी वहीं मेडीकल के साथ-साथ ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी को मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने की योजना को भी गति मिलेगी आइए आपको सरल भषा में समझाते हैं।

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ग्रेटर नोएडा में इलेक्ट्रॉनिक सिटी विकसित-
दरअसल, बजट में स्मार्टफोन के आयात शुल्क में इजाफे से विदेशी स्मार्टफोन कंपनियों को भारत में स्मार्टफोन निर्माण के लिए मजबूर होना पड़ेगा और ग्रेटर नोएडा में इलेक्ट्रॉनिक सिटी विकसित की जा रही है। जिसमें कोरिया, जापान, चीन, ताइवान की मोबाइल कंपनियां पहले ही निवेश के प्रस्ताव दे चुकी हैं और ऐसे में उत्तर प्रदेश को इसका लाभ मिलना तय है। इसके अलावा उप्र के 8 आकांक्षी जिलों के लिए विशेष कार्ययोजना पर काम शुरू होना है 2.86 करोड़ शहरी परिवारों को नल कनेक्शन और इसमें भी यूपी के परिवारों को बड़ी संख्या में लाभ मिलेगा। वहीं टेक्सटाइल की बात करें तो तीन वर्ष की अवधि में 7 टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे और इसमें भी एक की सौगात यूपी को मिलने की संभावना है।