नई दिल्ली : यूपी सरकार के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा बजट 5,50,270 करोड़ रुपये का पेश किया है। योगी सरकार ने बजट में किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ-साथ ही, कई योजनाओं की सौगात दी है।कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर पिछले तीन महीने से किसानों का आंदोलन हो रहा है। किसानों के गुस्से को अब पश्चिम यूपी के इलाकों में बीजेपी नेताओं को देखना पड़ रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सूबे की योगी सरकार ने किसानों की आय को साल 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। उसके लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 से आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना बनाई गई है। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में रखी गई है।किसानों को मुफ्त पानी देने के लिए बजट में 700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है।
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किसानों को फसली ऋण उपलब्ध
योगी सरकार ने राज्य में रियायती दरों पर किसानों को फसली ऋण उपलब्ध कराए जाने के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था रखी है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 15 हजार सोलर पम्पों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित रखी गई है। किसानों के लिए 5 लाख का बीमा किसानो के लिए भी शामिल है। गन्ना किसानों को लेकर वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले चार सालों में सरकार ने गन्ना किसानों के 1 लाख 23 हजार करोड़ रुपये के रेकॉर्ड मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। वही दूसरी सरकारों के मुकाबले से 27 हजार 785 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा प्रदेश की सभी न्याय पंचायतों में गौ शालाऔं के स्थलों के लिए स्थानीय सहभागिता तथा स्वैच्छिक संगठनों को जोड़ा जा रहा है। गाय के लिए ब्रीड इम्प्रूवमेन्ट कार्यक्रम को भी शामील किया जाएगा।

सरकार कार्यकाल का आखिरी बजट
योगी सरकार कार्यकाल का आखिरी बजट है। इसी वजह से योगी सरकार बजट के द्वारा किसानों की नाराजगी को खत्म करने की कवायद रही है। कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष राज्य में किसान पंचायत करके योगी सरकार और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने की कौशिश कर रहै है। पश्चिम यूपी के किसानों सरकार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा मै है। पिछले दिनों दिल्ली में केंद्र के मंत्री जेपी नड्डा और अमित शाह ने पश्चिमी यूपी के जाट नेताओ को किसानों की नाराजगी को दूर करने और कृषि कानूनों के फायदे की जानकारी देने के लिए कहा है।इसी के बाद केंद्रीय मंत्रियों के द्वारा खाप नेताओं के साथ संपर्क स्थापित जा रहा है। सरकार किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए विकास का पिटारा खोल रही है। इस के लिए सरकार किसानो को लुाभाने में दिखती नजर आ रही है।