नई दिल्ली: अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व सांसद उदित राज एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। इस बार उन्होंने उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित किसान महापंचायत के दौरान विवादित बयान दे डाला। उन्होंने न्यायलयों में जजों की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की। फिर सफाई देते हुए कहा कि न्यायालय के खिलाफ यह मेरा व्यक्तिगत बयान है, जो कि मैं संसद में भी दे चुका हूं।

कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में किसान कांग्रेस मध्य जोन ने बुधवार को किसान स्वाभिमान महापंचायत बुलाई। बतौर अतिथि इसमें पूर्व सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. उदित राज भी शामिल हुए। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बोलते-बोलते वह प्रतिद्वंद्वी दलों पर बरसने लगे। कहा कि बसपा प्रमुख मायावती सवर्णों को गाली देती रहीं और दलितों को बर्बाद कर दिया। दलित यह सोचते हैं कि संविधान उनकी रक्षा करेगा। दलित बेवकूफ हैं, क्योंकि 2014 के बाद तो मोदी सरकार का संविधान चल रहा है।

उदित राज ने बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित किसान महापंचायत में यह विवादित बयान दिया। सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई सहित केंद्रीय एजेंसियों पर विपक्ष को दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जज बनने के लिए कोई इंटरव्यू तो होता नहीं। इसके बाद उन्होंने जजों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। वहीं, राहुल गांधी को सबसे समझदार नेता बताते हुए बोले कि किसानों की लड़ाई सपा मुखिया अखिलेश को लड़नी थी, जबकि लड़ राहुल रहे हैं। उदित राज बोले कि भाजपा आरोप लगाती है कि किसानों को विपक्ष भड़का रहा है। जो विपक्ष छह वर्ष से अपने लिए वोट नहीं जुटा पा रहा, वह किसानों को क्या समझाएगा-भड़काएगा।