नई दिल्ली : बीते 16 दिसंबर को रामचंद्र यादव और अजय यादव नाम के दो मजदूर नई दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी ट्रेन से विजयवाड़ा जा रहे थे. तभी सुबह 5:22 बजे कोडरमा स्टेशन पर टीटीई ने दोनों को ट्रेन से धक्के मारकर उतार दिया. टीटीई चिल्लाते हुए बोला तुम छोटे लोग हो, तुम्हारी औकात नहीं है राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में सफर करने की. ज्यादा बोलोगे तो पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा दूँगा. टीटीई के खिलाफ दोनों मजदूरों ने यह शिकायत की है, जो राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से वैध टिकट पर भुवनेश्वर जा रहे थे.

होनी चाहिए कड़ी कार्यवाही-
दोनों मजदूरों ने कोडरमा स्टेशन की शिकायत पुस्तिका में इस मामले की लिखित शिकायत की है. दोनों मजदूर नई दिल्ली भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस के बी2 कोच में सफर करने के लिए चढ़े थे, उन्होंने मामले में टीटीई पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. शिकायत करने वाले मजदूर रामचंद्र यादव और अजय यादव ने बताया कि दोनों विजयवाड़ा में पोकलेन ऑपरेटर का काम करते हैं. इस संबंध में बात करने पर कोडरमा स्टेशन प्रबंधक एके सिंह ने बताया कि दोनों यात्रियों की शिकायत धनबाद रेल मंडल के अधिकारियों के पास भेज दी गई है.

सिस्टम से है सवाल-
यहां सवाल सिर्फ ये नहीं है कि उस टीटीई पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई है, सवाल पूरे सिस्टम पर है. क्या रेलवे को पीड़ित मजदूरों के लिए उसी वक्त अलग से व्यवस्था नहीं करनी चाहिए थी? मजदूरों को अपने पैसे से राजधानी एक्सप्रेस में सफर करने का अधिकार नहीं है? एक देश, एक कानून और एक संविधान का नारा क्या सिर्फ कागजों तक सीमित रहेगा? ठीक ऐसी ही एक घटना ने जिस देश को आजादी दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई हो, उसी देश में उसी प्रकार की घटना को दोहराया जाना सोचने के लिए मजबूर कर देता है.