नई दिल्ली: इंदिरा गांधी 80 के दशक की शुरुआत में हर भारतीयों की जुबां पर सिर्फ एक ही नाम था। जिसकी चर्चा आज भी अंतरिक्ष की दुनिया़ में बखूबी होती है, वो है राकेश शर्मा। आज वो अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। राकेश का जन्म पटियाला में 13 जनवरी 1949 को हुआ था। हालांकि उनकी पढ़ाई लिखाई और कालेज हैदराबाद में हुआ।

कमरे में 72 घंटे के लिए छोड़ा गया था अकेला-
बता दें राकेश शर्मा ने वायुसेना के एक पायलट के तौर पर नौकरी करते हुए ने यह कभी नही सोचा था कि उनका सफर एयरफोर्स से अंतरिक्ष तक पहुंच जाएगा। दरअसल उस वक्त़ अंतरिक्ष में जाने वाले भारतीय को चुनने के लिए वायुसेना और सरकार ने बड़ी संख्या में पायलटों का कड़ा टेस्ट लिया था। जिसमें आखिरकार वही चुने गए। जिसमें एक टेस्ट ये भी था कि उन्हें एक कमरे में 72 घंटे के लिए अकेला छोड़ दिया गया।
भारतीय नागरिक के तौर पर हैं अकेले शक्स़-
ज्ञात हो की राकेश एनडीए के जरिए भारतीयु वायुसेना का हिस्सा बने थे। जब वो अंतरिक्ष में गए थे, तब तक कोई भी भारतीय वहां तक नहीं पहुंचा था। अब भी भारतीय नागरिक के तौर पर वो अकेले शक्स़ हैं। हालांकि विदेश में रहने वाले भारतीयों में कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स को ये दर्जा बाद में मिला। हालांकि उनकी इस अंतरिक्ष यात्रा का कितना फायदा भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को मिला, ये कभी जाहिर नहीं हो पाया। आपको बता दें की अंतरिक्ष में जाने से पहले वो भारतीय वायुसेना में स्कवाड्रन लीडर थे और वे वापस लौटने के बाद एयरफोर्स के काम में ही जुट गए।
यह था सवाल-
एक रोमाच़क पहलु ये भी है की जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे सवाल पूछा की आपको अंतरिक्ष से हमारा भारत कैसा लगा तो उन्होंने जवाब दिया, “सारे जहां से अच्छा” उनके इस जवाब से ना केवल इंदिरा गदगद हुईं बल्कि पूरा देश झूम उठा था। बाद में जब वो वापस स्वदेश लौटे तो उनका जमकर स्वागत किया गया था।