नई दिल्ली : पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव का सिलसिला लगातार जारी है. वहां पर उपद्रवियों ने एक मंदिर को निशाना बनाया है, भीड़ द्वारा एक मंदिर में तोड़फोड़ की गई है. यह घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहाट के करक जिले में बुधवार को हुई. स्थानीय लोगों की भीड़ ने मंदिर पर धावा बोल दिया, भीड़ ने मंदिर को तहस नहस कर दिया. इसके बाद उन्होंने मंदिर को आग के हवाले कर दिया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें यह देखा जा रहा है कि भीड़ मंदिर की छत और दीवार को नष्ट रहे हैं.

बता दे, जिले के तेरी गांव के मंदिर का 2015 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक विस्तार किया जा रहा था. इस मंदिर को इससे पहले 1997 में एक स्थानीय मुफ्ती ने नष्ट किया और इस पर अवैध कब्जा कर लिया था. हिन्दू समुदाय के खिलाफ इस घटना को पाकिस्तान समेत दुनिया के अन्य हिस्सों में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की तरफ से आलोचना की जा रही है. असल में करक में मौलाना फजलुर रहमान की जमियत उलैमा-ऐ-इस्लाम (फज़ल) की एक रैली हुई थी, जिसमें शामिल नेताओं ने उत्तेजित भाषण दिए थे. जिसके बाद उग्र भीड़ ने बड़ी संख्या में पहुंचकर मंदिर को आग लगा दिया और मंदिर को पूरी तरह तोड़ दिया.

हालांकि, जमियत उलैमा-ऐ-इस्लाम (फज़ल) की पार्टी ने बाद में कहा कि वो मंदिर तोड़े जाने की दोषारोपण करते हैं. इस वारदात से उनका कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि ये वारदात रैली के बाद हुई. गौरतलब है कि पाकिस्तान में ये घटना तब घटी जब भारत में मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के डोराना गांव में भीड़ ने एक मस्जिद में तोड़-फोड़ की और झंडा उतार दिया.