नई दिल्ली: एक साथ तीन तलाक रोकने के लिए कानून बन चूका है, उलमा भी इस पर अब पांबदी लगाने की कोशीश कर रहे हैं, इसके लिए नया निकाहनामा तैयार करने पर चर्चा शुरू हो चूकी है, इसमें अब बीवी को भी एक तलाक का हक देने की बात कही जा रही है जबकि शौहर के लिए दो तलाक का विकल्प रखे जाने का सुझाव है, शहर में उलमा और शहरकाजी की बैठक में बने प्रस्ताव पर बरेली शरीफ के काजी उल कुज्जात सहित अन्य मुफ्तियों से संपर्क किया जा रहा है, वहां से गाइडलाइन आने के बाद इस मुद्दे पर आगे कदम बढ़ाए जाएंगे।

एक साथ तीन तलाक, शादियों में फिजूल खर्ची आदि मुद्दों पर शहरकाजी मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी की अध्यक्षता में तंजीम उलेमा ए अहले सुन्नत की बैठक कर्नलगंज में हुई इस दौरान एक साथ तीन तलाक पर विचार विमर्श किया गया और कहा गया कि इसे रोकने के लिए कदम उठाएं जाएंगे, बरेली शरीफ में काजी उल कुज्जात व मुबारकपुर सहित अन्य बड़े मदरसों से संपर्क कर जानकारी ली जाएगी कि क्या निकाह के वक्त लड़की की तरफ से यह शर्त रखी जा सकती है कि दो तलाक का हक लड़के को और एक तलाक का हक लड़की को दिया जाए।

अगर ऐसा होता है तो शौहर एस साथ दो से ज्यादा तलाक नहीं दे सकेगा, तंजीम के जनरल सेक्रेटरी हाजी मोहम्मद सलीम ने बताया कि लड़की को एक तलाक का हक मिलने से उसके पास भी शौहर से अलग होने का रास्ता रहेगा।