इस गांव में 87 साल के बाद पहुंची ट्रेन तो लोगों ने की पूजा, भूकंप के कारण ध्वस्त हुई थी पटरी

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बिहार : शनिवार को रेलवे द्वारा ट्रेन का स्पीड ट्रायल कराया गया. इस कड़ी में राधोपुर से निर्मली के बीच भी स्पीड टेस्ट के लिए ट्रेन का परिचालन किया गया. ट्रेन की सिटी सुनते ही लोग ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे लगाने लगे. रेलवे अधिकारियों की मानें तो स्पीड ट्रायल सफल रहने के बाद सीआरएस की मंजूरी हो सकती है. ऐसे में 87 वर्षों के बाद निर्मली नगरवासियों का सपना साकार होता दिख रहा है. यही वजह है कि इंजन के सामने आज यहां पूजा-अर्चना की गई.

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भूकंप के कारन ध्वस्त हुई थी पटरी

बता दें कि वर्ष 1934 में आए बड़े भूकंप के कारण छोटी लाइन की पटरी ध्वस्त हो गई थी और निर्मली-सरायगढ़ के बीच ट्रेन सेवा बंद हो गई थी. उसी समय से मिथिलांचल दो भागों में विभक्त है. 6 जून 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने निर्मली महाविद्यालय से कोसी नदी पर महासेतु का शिलान्यास किया था.

विधि विधान के साथ की गई पूजा अर्चना

शनिवार को निर्मली स्टेशन पर स्पीड ट्रायल ट्रेन पहुंचते ही अधिकारियों एवं रेलवे कर्मियों द्वारा रेलवे ट्रैक का विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई. इस मौके पर रेलवे के कई अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे. अधिकारियों ने बताया कि स्पीड ट्रायल सफल होने की सूचना विभाग को दी जाएगी इसके बाद पैसेंजर ट्रेन परिचालन की तिथि और समय निर्धारित होगी. अधिकारियों की मानें तो जल्द ही निर्मली स्टेशन तक पैसेंजर ट्रेन का परिचालन शुरू हो सकता है.

रेलवे ट्रैक का हुआ निरीक्षण-

विभागीय अधिकारी रेल परिचालन को लेकर स्टेशन एवं रेलवे ट्रैक का बराबर निरीक्षण कर रहे हैं. यहां तक कि स्पीड ट्रायल भी किया गया है. निर्मली से पश्चिम घोघरडीहा होते हुए झंझारपुर रेलवे स्टेशन तक रेल सेवा बहाल करने के लिए जोर-शोर से निर्माण कार्य किया जा रहा है.

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