नई दिल्ली: SHO पर तलवार से हमला, सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार दोपहर में बड़ा बवाल हो गया। स्थानीय ग्रामीणों और किसान प्रदर्शनकारियों में शुक्रवार को भिड़ंत हो गई। दोनों ओर के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। सिंघू बॉर्डर पर स्थानीय लोगों व आंदोलनकारियों के बीच पथराव के चलते कई घायल हुए हैं, इनमें एक पुलिसकर्मी भी है।
अलीपुर SHO पर तलवार से हमला
वहीं हालात को काबू में करने के लिए वहां तैनात पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं और हल्का बल का प्रयोग भी किया है। इस पथराव में पुलिस सहित कई लोग घायल हो गए हैं। फिलहाल यहां पर माहौल बेहद तनावपूर्ण है। बताया जा रहा है कि पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से किसानों के प्रदर्शन के चलते आसपास के ग्रामीणों में काफी रोष है।
सिंघु बॉर्डर पर बवाल के दौरान अलीपुर थाने में तैनात एसएचओ पर प्रदर्शनकारियों ने तलवार से हमला किया है। इसमें उनके हाथ पर तलवार लगी है, जिससे उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

यही वजह है कि किसानों द्वारा रास्तों को रोककर प्रदर्शन करने के विरोध में स्थानीय लोग भी आ गए हैं। शुक्रवार दोपहर सिंघु बॉर्डर पर कई गांवों के किसानों ने प्रदर्शन कर मांग की कि किसान यहां से जाएं। उन्होंने कहा कि किसानों के इस तरह से 2 महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन करने के चलते न केवल कारोबार प्रभावित हुआ है, बल्कि सैकड़ों लोग बेरोजगार तक हो चुके हैं।
देश की गरिमा को धूमिल किया
वहीं ग्रामीणों का नेतृत्व कर दिल्ली देहात विकास मंच के महासचिव अनूप सिंह मान ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में उपद्रव कर देश की गरिमा को धूमिल करने वाले ऐसे लोगों ने पिछले दो माह से सिंघु बार्डर को बंद कर रखा है। ऐसे में आवागमन ठप होने से दिल्ली देहात बंधक बना हुआ है। ग्रामीणों को रोजाना अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग अस्पताल नहीं जा पा रहे हैं। महिलाएं घरों से निकल कर कहीं आजा नहीं पा रही है।

लोग रिश्तेदारों के यहां नहीं जा पा रहे हैं। अगर लोग घर से निकलते हैं तो उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। लोगों को मीलों पैदल चलना पड़ रहा है।
गांव के लोगों में आक्रोश
गणतंत्र दिवस की घटना के बाद गांव के लोगों के मन में आक्रोश देखा जा रहा है। देहात के लोग बिना किसी गलती के मुसीबतों का सामना कर रहे हैं। लेकिन अब उनका धैर्य जबाव देने लगा है। यही कारण है कि अब ग्रामीण सिंघु बार्डर को खाली कराने को लेकर संकल्पित हो चुके हैं।