नई दिल्ली : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण का कहर कम होते देख अन्य क्षेत्रों में छूट देने के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्कूल खोलने का निर्देश भी नए सिरे से जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर कोविड अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा में दस दिन में कक्षा छह से 12 तक के स्कूल खोलने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री का रुख देखकर माना जा रहा है कि 12 फरवरी से उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल खुल जाएंगे।

गाइडलाइन के अनुसार स्कूल खोलने के आदेश-
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से प्रदेश के स्कूलों में बंद चल रही पढ़ाई अब सरकार शुरू करने जा रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई फिर शुरू कराने पर विचार करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने पढ़ाई शुरू करने से पहले अधिकारियों को कोरोना संक्रमण की स्थिति का आकलन करने के निर्देश दिए हैैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुरूप विद्यालयों में कक्षा छह से कक्षा 12 तक की पढ़ाई दस दिनों में प्रारम्भ करने के सम्बन्ध में विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी जगह पर स्थिति का पूरी तरह आकलन करने के बाद ही इन कक्षाओं का संचालन प्रारम्भ किया जाए।
सीएम योगी ने दिए निर्देश-
मुख्यमंत्री ने कक्षा छह से 12 तक के बच्चों की स्कूल में कक्षा शुरू कराने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा बच्चों को अब स्कूलों में कक्षा में जाने के संबंध में विचार करें। हर जिले में कोविड की स्थिति का आंकलन के बाद ही पढ़ाई शुरू कराएं। हर जगह पर कोविड गाइडलाइंस के अनुरूप ही कक्षाएं चलाएं। उन्होंने कहा कि दस दिन में स्कूलों में कक्षा छह से 12 तक की पढ़ाई का संचालन शुरू कराने की तैयारी करें। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 का टेस्टिंग कार्य पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। इसी के साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग तथा सॢवलांस सिस्टम को सक्रिय रखा जाए।
योगी ने अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट के परिप्रेक्ष्य में संबंधित विभागों को अपने-अपने प्रस्ताव भारत सरकार को समय से प्रेषित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा केंद्र सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के अपने बजट में जल जीवन मिशन के तहत नगरीय क्षेत्रों को शामिल करने का प्रस्ताव किया है। इसे ध्यान में रखते हुए शहरी इलाकों की पेयजल की योजनाओं के प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को समय से उपलब्ध कराए जाएं।