नई दिल्ली- उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिये सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने नियम जारी कर तय समय पर सेवाएं देने की व्यवस्था सुनिश्चित की. वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये बिजली मंत्री आर के सिंह ने इसके बारे में बताया कि यह “नियम इस भरोसे पर आधारित है कि बिजली व्यवस्था उपभोक्ताओं की सेवा के लिए है और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं, विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण बिजली प्राप्त करने का अधिकार है. नियमों के तहत अगर वितरण कंपनियां विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम के अंतर्गत मानक सेवा उपलब्ध नहीं कराएंगी, उन्हें जुर्माना देना होगा.
30 करोड़ बिजली ग्राहकों को फायदा-
आगे उन्हाेनें बताया कि देश की बिजली वितरण कंपनियां अब सेवा प्रदाता कंपनी हैं. बिजली ग्राहकों को दूसरे सेवा क्षेत्रों की तरह ही सारे अधिकार मिलेंगे। इन नियमों के जरिये हम आम जनता का सशक्तीकरण कर रहे हैं. केंद्र सरकार का अगला कदम इन नियमों के बारे में पूरे देश में प्रचार करना होगा। अगर डिस्काॅम जान-बूझकर इन नियमों का उल्लंघन करेगी, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह नियम 30 करोड़ बिजली ग्राहकों को फायदा पहुंचाएगा”।

ग्राहकों के कुल 11 तरह के अधिकार-
वितरण कंपनियों को बिजली कनेक्शन या उसमें सुधार का काम महानगरों में अधिकतम सात दिनों में, अन्य नगर पालिका वाले क्षेत्रों में 15 दिनों में और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिनों में करने होंगे. नियमों के अंतर्गत बिजली ग्राहकों के कुल 11 तरह के अधिकार हाेंगें. इसमें नए कनेक्शन लेने से लेकर मीटर लगाने, बिल भुगतान करने जैसे क्षेत्र भी शामिल किये गए हैं। सभी तरह का बिजली कनेक्शन लेने की अब ऑनलाइन सुविधा होगी. नियमों के अनुसार कोई भी कनेक्शन बिना मीटर के नहीं दिया जाएगा और मीटर स्मार्ट या पूर्व भुगतान (प्रीपेमेंट) मीटर होगा.
स्मार्ट प्री पेड या प्री पेड मीटर के बिना नहीं दिया जाएगा-
बता दें कि कोई भी कनेक्शन बिना स्मार्ट प्री पेड या प्री पेड मीटर के नहीं दिया जाएगा. इसमें उपभोक्ता शुल्क और बिलों के मामले में पारदर्शिता की भी बात कही गयी है। नियमों के अंतर्गत ग्राहकों के पास ‘ऑनलाइन’ या ‘ऑफलाइन’ बिल भुगतान का विकल्प होगा. वितरण कंपनियां हर प्रकार की शिकायतों के विभिन्न स्तरों पर समाधान के लिये समय सीमा स्पष्ट करेंगी. वहीं किसी भी प्रकार की शिकायतों के समाधान के लिये अधिकतम समयसीमा 45 दिन तय की गयी है.