रुद्रप्रयाग : भगवान केदारनाथ के कपाट सोमवार को सुबह तड़के पांच बजे पूरे विधि-विधान के साथ आगामी छह महीने के लिए खोल दिए गए हैं। अब आने वाले छह महीने तक यहीं पर भगवान की पूजा संपन्न होगी। कोरोना संक्रमण के चलते कपाट खुलने के मौके पर केदारनाथ धाम के रावल, मुख्य पुजारी, प्रशासन समेत देवस्थानम बोर्ड के कुछ सदस्य ही मौजूद थे। फिलहाल मंदिर में भक्तों के दर्शन पर सरकार ने रोक लगाई है। मुख्य पुजारी ही केवल नित पूजाएं संपन्न कराएंगे। वही प्रथम पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम मंदिर में की गई।

14 मई को डोली हुई रवाना
सोमवार सुबह 5 बजे पौराणिक परंपराओं के साथ पूरे विधि-विधान से भगवान केदारनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं। शीतकाल के छह महीनों तक पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विश्राम करने के बाद गत 14 मई केदार बाबा की उत्सव डोली धाम के लिए रवाना हुई थी।
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छह महीने तक रहेंगे विराजमान
15 मई को धाम में पहुंच गई थी। दो दिन धाम में विश्राम करने के बाद केदारनाथ भगवान मंदिर में विराजमान हो गए हैं। अब आने वाले छह महीनों तक यही पर केदारबाबा विराजमान रहेंगे।
आम भक्तों पर रोक
सुबह सर्वप्रथम मंदिर के सीलबंद मुख्य कपाट को खोला गया, इसके बाद गर्भगृह में पूजा अर्चना की गई। रावल भीमाशंकर लिंग व मुख्य पुजारी बागेष लिंग ने मंदिर के अंदर कपाट खुलने के अवसर पर संपन्न होने वाली पूजाएं व सभी औपचारिकताएं पूरी की, मंदिर के कपाट भले ही खोल दिए गए हैं, लेकिन आम भक्तों के दर्शनों पर प्रशासन ने पाबंदी लगाई है।