चीन ने वुहान लैब में बनाया कोरोना वायरस, एक बार फिर हुआ साबित

china wuhan lab
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नई दिल्लीः दुनियाभर में कहर बनकर बरपा कोरोना संक्रमण चीन के ही वुहान लैब से निकला है, चीनी वैज्ञानिकों ने ही इसे पैदा किया था।कोरोना के उत्‍पत्ति को लेकर हुए महत्‍वपूर्ण शोध में शोधकर्ताओं के एक दल ने यह जानकारी दी है। चीनी वैज्ञानिकों ने वायरस के इंजीनियरिंग वर्जन को छिपाने का प्रयास किया ताकि यह इस तरह से लगे जैसे कोरोना चमगादड़ों से स्‍वाभाविक रूप से पैदा हुआ है।

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ब्रिटिश अखबार रिपोर्ट

बता दें की ब्रिटिश अखबार डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने अपने 22 पन्‍ने के शोध में वुहान लैब में वर्ष 2002 से 2019 के बीच हुए प्रयोगों के फॉरेंसिक विश्‍लेषण के आधार यह निष्‍कर्ष निकाला है। उन्‍होंने पाया कि SARS कोरोना वायरस-2 का कोई प्राकृतिक पूर्वज नहीं है। इससे इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि वायरस वुहान की लैब में गड़बड़ी करके बनाया गया है।

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वैज्ञानिकों ने कहा, ‘एक स्‍वाभाविक वायरस महामारी धीरे-धीरे म्‍यूटेट होती है और यह संक्रामक तो ज्‍यादा होती है लेकिन रोगजनक कम होती है। यही लोग कोरोना वायरस महामारी में भी अपेक्षा कर रहे थे लेकिन ऐसा होता नहीं द‍िख रहा है।’शोधपत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि कोरोना वायरस नमूनों में ‘विशेष फिंगरप्रिंट’ केवल प्रयोगशाला में तोड़-मरोड़ करने से निकला। इसके प्राकृतिक तरीके से निकलने के संभावना बहुत कम है।

वैज्ञानिकों के अनुसार

वैज्ञानिकों ने कहा कि हमारे ऐतिहासिक पुनर्निमाण का असर यह है कि हम यह बिना किसी संदेह के मान रहे हैं कि इस वायरस का निर्माण किसी खास उद्देश्‍य से किया गया था। हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि विस्‍तृत सामाजिक प्रभाव की वजह से इन फैसलों को केवल शोध वैज्ञानिकों पर नहीं छोड़ा जा सकता है।’

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इस र‍िपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटिश विशेषज्ञों दालगले‍इश और सोरेंसन ने लिखा था कि प्रथमदृष्‍टया यह वायरस चीन के रिवर्स इंजीन‍ियरिंग का परिणाम है। तो वहीं अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और स्विटजरलैंड के 18 वैज्ञानिकों के दल ने जर्नल साइंस पत्रिका में एक पत्र लिखा है और दलील दी है कि कोरोना महामारी के उत्‍पत्ति का पता लगाने की जरूरत है।

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