नई दिल्ली : आज देश 72वा गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर हर बार की तरह राजपथ पर भारत की विविधता और ताकत का परिचय देती झाकियां निकाली गई. सामारोह पर इस बार केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और उत्तर प्रदेश की ओर से दिखाई गई झांकियां खास रही.

राजपथ पर उत्तर प्रदेश की झांकी में राम मंदिर की झलक देखने को मिली. झांकी की थीम अयोध्या-उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत पर तैयार की गई. राजपथ पर इस बार जब उत्तर प्रदेश की झांकी आई तो दर्शकों की तालियों से समारोह स्थल गूंज उठा।
राजपथ पर आयोजित हुई परेड-
इस बार गणतंत्र दिवस उत्तर प्रदेश के अयोध्या के लिए बेहद खास नजर आया. राजपथ पर आयोजित हुई परेड में अयोध्या की धरोहर, भव्य राम मंदिर की प्रतिकृति, दीपोत्सव की झलक और पौराणिक ग्रंथ रामायण के विभिन्न हिस्सों की झांकी प्रदर्शित की गई. पीले रंग की रेशम की धोती और गले में रूद्राक्ष की माला पहने तथा हाथ में धनुष लिए भगवान राम की वेशभूषा में यह शख्स चंदौली जिले के रहने वाले अजय कुमार थे।
पहली बार शामिल हुई लद्दाख की झांकी-
लद्दाख अब केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है और उसकी झांकी पहली बार गणतंत्र दिवस में शामिल हो रही है. सबसे पहले लद्दाख की झांकी आई, वहीं दूसरे नंबर पर गुजरात की झांकी आई. जैसे ही राम मंदिर की झांकी आई, दर्शक खड़े होकर तालियां बजाने लगे तो कई हाथ जोड़कर खड़े हो गए. कई के चेहरे पर गर्व का एहसास नजर आया, झांकी में बज रहे गाने पर लोगों ने भी लय मिलाई.

प्राचीन धरोहर को दिखाया-
झांकी के सबसे आगे हिस्से में महर्षि वाल्मीकि की एक बड़ी प्रतिमा नजर आई. उनके पीछे मंदिर का मॉडल दिखा. यूपी के अधिकारियों ने बताया कि अयोध्या हमारा पवित्र स्थान है और राम मंदिर मुद्दे से श्रद्धालुओं का भावनात्मक जुड़ाव रहा है. हमारी झांकी में (अयोध्या) नगर की प्राचीन धरोहर को दिखाया गया. झांकी में नृत्य करती दो महिलाओं समेत कलाकारों का एक समूह नजर आया.
ऐसी रही झांकी-
यूपी की झांकी में एक ओर मिट्टी के बने दीये जगमगा रहे थे, दीपक अयोध्या के दीपोत्सव के प्रतीक थे. वहीं, अन्य भित्ति चित्रों (वॉल पेंटिंग्स) में भगवान राम द्वारा निषादराज को गले लगाते. शबरी के जूठे बेर खाते, अहल्या का उद्धार, हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाया जाना, जटायु-राम संवाद, लंका नरेश की अशोक वाटिका और अन्य दृश्यों को दिखाया गया।