नई दिल्ली: पंजाब सरकार कांट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद इसे रद्द करने की तैयारी में है। पंजाब सरकार इसको लेकर निशाने पर आ गई। अब पंजाब सरकार साल 2013 में शिणोमणी अकाली दल और भाजपा सरकार के समय बनाए गए इस कांट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट को रीपील करने की तैयारी कर कर रही है। इसके लिए कैप्टन सरकार पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में विधेकय ला सकती है।

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बजट सत्र केे दौरान ला सकती है कानून
पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने मिडीया से बातचीत में कहा कि वह इस बारे में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से बात करेंगे। हमारी कोशिश रहेगी कि पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में इसे रद कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि स्थानीय निकाय चुनाव के चलते इस पर अभी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से बात नहीं हो पाई थी। वह जल्द ही इसको लेकर सीएम से मिलेंगे।
इस एक्ट में जेल जाने का प्रावधान
सुनील जाखड़ ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल व भाजपा गठबंधन सरकार ने जब इस बारे में विधेयक पारित कराकर यह एक्ट बनाया था। उस समय भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। हमने कहा था कि किसानों के लिए एक्ट में जेल का प्रावधान न किया जाए। लेकिन सत्ता के नशे में चूर अकाली नेताओं ने हमारी बात नहीं सुनी।

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कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था-हमसे भी ज्यादा खतरनाक है
गौरतलब है कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने जब संसद में तीन कृषि कानूनों में एक कांट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट की तरफदारी करते हुए कहा था कि पंजाब सरकार की ओर से बनाया गया एक्ट जो हमसे भी ज्यादा खतरनाक है। हमारे एक्ट में किसानों को जेल भेजने का कोई प्रावधान नहीं है। कृषि मंत्री के इस बयान पर आम आदमी पार्टी के सहप्रभारी राघव चड्ढा ने कांग्रेस की घेराबंदी शुरू कर दी। उन्होंने कहा, जिस समय ये कानून पारित हुआ। कांग्रेस ने कोई विरोध नहीं किया और अब राजनीति कर रही है।
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