Puducherry Floor Test : नारायणसामी सरकार के पास सिर्फ यह थे विकल्प

Puducherry Floor Test
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नई दिल्लीः Puducherry Floor Test : पुडुचेरी (Puducherry) में आज मुख्यमंत्री वी नारायणसामी (V Narayanasamy) के लिए आर या पार की लड़ाई हुई. विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस अपने ही गढ़ पुडुचेरी में सत्ता बचाने की जद्दोजहद में लगी हुई थी. ऐसे में वी नारायणसामी सरकार बचा नहीं पाए, इसका फैसला आज हो गया. आज यानी 22 फरवरी को मुख्यमंत्री नारायणसामी (V Narayanasamy) बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट देने विधानसभा पहुंचे थे.

Puducherry Floor Test : संकट के बादल

वैसे विधानसभा के गणित पर गौर किया जाए तो नारायण स्वामी के लिए सरकार बचा पाना काफी मुश्किल लग रहा था. कांग्रेस गठबंधन के 6 विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार पर संकट के बादल पहले से ही मंडराने थे. ऐसे में क्या हो सकते थे वो विकल्प जिनकी संभावना आज बनते हुए दिखाई दे रही थीं, आइए जानते हैं-

1. सरकार भी गिर सकती है

पहले चार और फिर दो विधायकों के इस्तीफे देने के बाद कांग्रेस गठबंधन के पास 12 विधायक बचे थे वहीं विपक्ष के पास इस समय 14 सदस्य थे, जिसमें 7 एनआर कांग्रेस के 4 AIADMK के और तीन मनोनीत जिन्हें किरण बेदी ने चुने थे. ऐसे में मुख्यमंत्री नारायणसामी की सरकार सत्ता खोने की कगार पर पहुंच गई थी.

2. कुछ सदस्यों को डिस्क्वालीफाई कर सकते थे स्पीकर

विधायकों के इस्तीफा देने के बाद पुडुचेरी सरकार लगातार बीजेपी पर खरीद फरोख्त आरोप लगा रही है. ऐसे में स्पीकर कुछ विधायकों को डिसक्वालीफाई कर सकते थे जिससे विधायकों की कुल संख्या घट सकती है और नारायणसामी की सरकार बच जाती.

3. विपक्ष के विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश

बताया जा रहा है पुडुचेरी में गहराते सियासी संकट को देखते हुए नारायणसामी की नजर विपक्ष के कुछ विधायकों पर थी. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस AIADMK के चार विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिशों में जुटी थी. अगर पार्टी अपनी कोशिशों में कामयाब हो जाती है तो ये चार विधायक फ्लोर टेस्ट के दौरान मौजूद नहीं रहते जिससे विधानसभा की ताकत 26 सदस्यों से भी नीचे आ सकती थी. ऐसे में फैसला सरकार के पक्ष में हो सकता था.

4. लग सकता है राष्ट्रपति शासन

पुडुचेरी में चौथा विकल्प राष्ट्रपति शासन का है. दरअसल उपराज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन तमिलनाडु में बीजेपी की अध्यक्ष रह चुकी हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर उन्हें ये लगेगा की फैसला बीजेपी के पक्ष में नहीं जा रहा है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लगाया जा सकता है.

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