नई दिल्ली:- यूपी के नोएडा में पुलिस के हाथ एक ऐसा गैंग लगा है जाे महज तीन मिनटों में लग्ज़री गाड़ियों को चोरी कर देश के अलग-अलग राज्यों में बेच देते थे. चोर स्कैनर टैब टूल के माध्यम से गाड़ी की चाबी को स्कैन कर लेते थे और उसकी दूसरी चाबी तैयार कर लेते थे और उस डुप्लीकेट चाबी से गाडी का इंजन स्टार्ट कर लेते थे।

नोएडा पुलिस ने करीब आठ चोरो को धार दबोचा है उनके पास से करीब दस गाड़ियां बरामद की गयी जिनमे से से चार फॉर्चूनर थी. वहीँ इन गाड़ियों के फ़र्ज़ी कागज़ात भी तैयार किये गए थे जो की गुजरात व जम्मू में तैयार किये जाते थे. चोरी की गयी उन सभी गाड़ियों का इंजन और चेचिस नंबर उत्तराखंड के काशी की एक दुकान में बदला जाता था.
सूचना मिलते ही नाेएडा पुलिस ने लिया एक्शन
उच्च पुलिस अधिकारी लव कुमार ने बताया की उन्हें लगातार दिल्ली एनसीआर से गाड़ियां चोरी होने की शिकायत मिल रही थी. सेक्टर 58 कोतवाली प्रभारी अनिल राजपूत ने बताया की उन्हें सुचना मिली थी की सेक्टर 61 के शॉप्रिक्स मॉल के सामने एक चोरी की फॉर्च्यूनर बेचने के लिए कुछ लोग आने वाले हैं. सुचना की खबर मिलने के बाद सोमवार रात 12 बजे तक आठ चोरो को नॉएडा पुलिस ने वहीँ धार दबोचा. आरोपियों के नाम गैंग का मुखिया कुलदीप कुमार (मुरादाबाद ) मोहम्मद आसिफ (मुरादाबाद ) मोहम्मद असरफ (जम्मू कश्मीर) रवि सोलंकी (गुजरात) मोहम्मद हसन (संभल) मनोल पाल उर्फ़ ठाकुर (हाथरस) राजेश शर्मा (आगरा) व मोहम्मद आमिर (मुरादाबाद) के रूप में हुई है वहीँ गिरोह के पांच अपराधी अभी नॉएडा पुलिस की पकड़ से फरार चल रहे हैं.
करते थे फर्जी आईडी का इस्तेमाल
उनसे पूछताछ में पता चला की वे गाड़ियां स्कैनर टैब से टूल के माध्यम से चुरा कर दूसरे राज्यों में भेज देते थे. और उनके नकली पेपर्स भी बनवा लेते थे. और पुलिस से बचने के लिए इनकम टैक्स कमिश्नर कि फ़र्ज़ी आईडी का इस्तेमाल करते थे. उनके पास से दो लाख नकद , चार स्कैनर टैब टूल, 74 चाबी तीन फ़र्ज़ी आरसी, चार मीडिया प्रेस स्टीकर, दो प्रेस आईडी कार्ड, एक भारत सरकार अस्सिस्टेंट कमिश्नर का फ़र्ज़ी आईडी कार्ड, दो ड्रील मशीन, पांच स्कैनर टैब केबल, एक बैट्री ड्रील, तीन विंडो, नौ एलएन चाबी, तीन रॉड जैक तीन डाटा केबल, एक भारी मैगनेट, एक फ्लाइट टिकट गुजरात बरामद की गयी.
ऐसे चुराते थे गाड़ियां
पुलिस ने उन पांचाे को पकड़ने के लिए तीन टीमों का गठन किया है जो की उन्हें खोज रही है. गैंग का सरगना कुलदीप कारो का लॉक खोलने में माहिर था. वे स्कैनर टैब के माध्यम से चोरी गाडी के हैंडल के निचे लगे ईसीएम( इंजन कण्ट्रोल मशीन ) को स्कैन कर दूसरी चाबी की मदद से इंजन स्टार्ट करने के बाद एक गेट का शीशा तोड़ देते थे. और गेट लॉक खोलकर स्टार्ट ड्राइविंग सीट पर बैठ कर गाड़ियां चुरा ले जाते थे. खास बात ये है की इस चोरी की पूरी प्रक्रिया कोसिर्फ तीन मिनटों में अंजाम दिया जाता था.