दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कच्छ दौरे के बीच किसानों से मुलाकात की, इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि, दिल्ली में किसानों को भ्रमित किया जा रहा है. सत्ता में रहते जिन लोगों ने कृषि क्षेत्र में सुधार का काम नहीं किया, वो आज भी किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।

मोदी ने कहा कि विपक्ष किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहा है. लेकिन देश के जागरूक किसान उनको इसका जवाब देंगे. गुजरात में कृषि व पशुपालन की आधुनिक तकनीक से समृद्धि है. किसानों का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि पशुपालन का भारत की जीडीपी में 25 फ़ीसदी योगदान है जो अनाज में दाल के योगदान से भी अधिक है।
सरकार 24 घंटे किसानों के लिए तैयार है-
गुजरात का किसान अगर मुक्त बाजार का फायदा उठा रहा है तो देश के अन्य राज्यों के किसानों को भी यह व्यवस्था मिलनी चाहिए। मोदी ने यहां आयोजित एक समारोह में लोगों से पूछा कि डेयरी में दूध देने वाले पशुपालकों से जब कांट्रेक्ट किया जाता है तो क्या उनके पशु या गाय भैंस को कोई ले गया है, या किसी किसान की जमीन पर किसी ने कब्जा किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को किसानों को गुमराह कर अपने राजनीति आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होने यह भी कहा कि किसानों की हर समस्या का समाधान करने के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है।
बता दें कि कृषि कानून के मसले पर दिल्ली की सीमाओं पर करीब बीस दिन से किसान डटे हुए हैं. किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाए और पुराना सिस्टम ही चालू रखा जाए. अगर बदलाव करना है तो MSP को कानून का हिस्सा बना दिया जाए. हालांकि, सरकार की ओर से लगातार कृषि कानूनों को किसानों के हित के लिए बताया जा रहा है. किसानों की मांग को देखते हुए सरकार कुछ हदतक संशोधन को राजी हुई है लेकिन किसान पीएम मोदी से मुलाकात कर कृषि कानूनों को रद्द करवाने पर अड़े हैं।