उत्तरप्रदेश : राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा भारत की आन-बान और शान का प्रतीक है, परंतु भटके हुए किसानों के आदोलन में इसका जाने-अनजाने अपमान हो रहा है। पहले ट्रैक्टर दौड़ाते समय हादसे में मृत रामपुर के युवक के शव को तिरंगा ओढ़ाया गया। अब आदोलन में गए पीलीभीत के युवक की दुर्घटना में मौत के बाद शव तिरंगे में लपेटकर अंतिम यात्रा निकाली। बुधवार रात को पुलिस ने इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान मानते हुए युवक के भाई, मां समेत तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।

घूमने निकले थे वाहन की टक्कर से हुई मौत
पूरनपुर के बारीबुझिया गाव निवासी बलजिंदर सिंह कुछ ग्रामीणों के साथ किसान आदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली स्थित गाजीपुर बार्डर गए थे। गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर रैली से पहले 25 जनवरी की रात को गाजीपुर के पेपर मार्केट में घूमने निकल गए। वहां किसी वाहन की टक्कर से उनकी मौत हो गई। उनके पास मोबाइल फोन या कोई कागज न मिलने पर पुलिस ने शव को अज्ञात में मोर्चरी में रखवा दिया था।
दूसरी ओर 27 जनवरी तक बलजिंदर को कोई पता नहीं चला तो साथ के युवक शाम को गुमशुदगी दर्ज कराने थाने पहुंचे। दो दिन बाद पुलिस ने हादसे में मरे युवक व गुमशुदगी में दर्ज ब्योरे का मिलान किया। हुलिया आदि के आधार पर गुमशुदगी दर्ज कराने वाले साथियों को बुलाकर शव दिखाया तो उन्होंने शिनाख्त बलजिंदर के रूप में की, इसके बाद चले गए। दो फरवरी को वहां की पुलिस ने पीलीभीत पुलिस को फोन कर बलजिंदर के घर सूचना भेजी।
बताया किसान आंदोलन का बलिदानी
तीन फरवरी को स्वजन शव गांव ले आए। दोपहर को अंतिम यात्रा निकाली गई तो परिवार के लोगों ने किसान आदोलन का बलिदानी बताते हुए शव तिरंगा ध्वज में लपेट दिया। इसी तरह अंतिम यात्रा निकाली गई। शाम को इसका वीडियो वायरल होने लगा। बुधवार रात करीब 10 बजे सेहरामऊ उत्तरी के थाना प्रभारी आशुतोष रघुवंशी ने वीडियो देखा तो इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना। रात 10.30 बजे उनकी ओर से बलजिंदर के भाई गुरविंदर, मा जसवीर व एक अज्ञात पर राष्ट्र गौरव के अपमान की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद स्वजन कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
वीडियो आने पर आया सच सामने
पिछले महीने दिल्ली की ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के लिए रामपुर का युवक नवरीत भी गया था। वहा ट्रैक्टर दौड़ाते में उसका बैलेंस बिगड़ा और दुर्घटना में युवक की मौत हो गई। उसकी मौत पहले पुलिस की गोली लगने से होने की अफवाह उड़ी। बाद में वीडियो सामने आने पर सब स्पष्ट हो गया कि नवरीत की मौत ट्रैक्टर दौड़ाने के दौरान ही हुई। उसके शव पर भी वहा तिरंगा डाला गया। तिरंगे के इस अपमान पर हालाकि वहा कोई कार्रवाई नहीं की गई लेकिन, पीलीभीत की पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया।