नई दिल्ली: कहते हैं जिनके इरादे सच्चे हों उनकी उड़ाने भी उतनी ही ऊंची होती हैं। फिर चाहे बारिश आए या तूफान व बाज की तरह उड़ान नहीं रोकते और सभी मुश्किलें पार कर आसमां का सफर तय करता है। इसी तरह की शान बन रहे हैं कुछ ऐसे चमकते सितारे जोकि जीवन की कठिनाइयों को पार कर आज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमक रहे हैं।

सैक्टर 28 निवासी पैरालंपिक टेबल टेनिस खिलाड़ी अनूप सिंह 66 उम्र में भी जोश से भरे हुए हैं, जन्म के एक साल बाद पैरों से दिव्यांग अनूप उस दौर के खिलाड़ी हैं, जब स्पेशल खिलाड़ी तो दूर, आम खिलाड़ियों के लिए भी खुद ही पहचान बनाना बेहद कठिन होता था।

अनूप ने कहा- कि आज से दो से तीन दशक पहले देश में खेल के क्षेत्र में कई समस्याएं थीं और स्पेशल खिलाड़ी होने के कारण उनके लिए चुनौतियां भी दूसरों से अधिक थीं, इसके बाद भी सभी मुश्किलों को पार कर 2009 में नेशनल पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया और उसके बाद भी लगातार तीन वर्ष तक दिल्ली के चैंपियन बने रहे।
2012 में खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रथम हैंडीकैप टेबल टेनिस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक हासिल कर नाम रोशन किया। 1995 में ह्यूमन वैलफेयर सौसायटी की तरफ से भारतीय विकलांग भूषण आवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं।