नई दिल्ली: यूपी में सियास़त उफान पर है. विधान परिषद चुनाव के लिए पार्टियों में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। इसी बीच समाजवादी पार्टी ने अपने दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सपा ने एमएलसी चुनाव के लिए राजेंद्र चौधरी व अहमद हसन को प्रत्याशी घोषित किया है।

भाजपा में हैं 50 से अधिक दावेदार-
वहीं, यूपी के सबसे बडे़ दलों में शुमार भाजपा में भी विधान परिषद विधान परिषद विधान परिषद विधान परिषद विधान परिषद विधान परिषद विधान परिषद विधान परिषद विधान परिषद विधान परिषद उम्मीदवारों के नामों को लेकर फैसला निर्णायक दौर में पहुंच गया है।बाता दें की 50 से अधिक दावेदारों के नाम सामने होने के कारण पार्टी नेतृत्व किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। हालांकी डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का फिर से विधान परिषद जाना तय माना जा रहा है। प्रत्याशियों की घोषणा 14 जनवरी के बाद होने के संकेत हैं।
वहीं, 12 विधान परिषद सीटों पर राजनीतिक दलों ने सियासी जोर अजमाईश शुरू कर दी है। हालांकी भारतीय जनता पार्टी के खाते में 10 सीटें तय मानी जा रही हैं, जबकि समाजवादी पार्टी को एक सीट मिलनी तय है। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि 12वीं सीट किस पार्टी के खाते में जायेंगी, क्योंकि कोई भी पार्टी अपने दम पर यह सीट जीतने की स्थिति में नहीं है।
सपा जीत सकती है 1 सीट-
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने ने दूसरा प्रत्याशी उतारकर लड़ाई रोमाचंक कर दिया है। विधायकों की संख्या के अनुसार देखे तो समाजवादी पार्टी 12 सीटों में से सिर्फ एक प्रत्याशी को ही जीत दिला सकती है। सूत्रों का मानना है कि समाजवादी पार्टी की निगाह बसपा के साथ ही दूसरे दलों के कुछ असंतुष्ट विधायकों का समर्थन हासिल कर अपनी दूसरी सीट जिताने पर है। ज्ञात हो कि समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों हुए राज्यसभा चुनाव में अंतिम समय में प्रकाश बजाज को उतार कर बीजेपी के खेमे में हलचल मचा दी थी। समाजवादी पार्टी इस बार विपक्षी दलों में सेंध मारने की रणनीति बना ली है।