नई दिल्ली : राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश की पहली जीनोम सिक्वेंसिंग लैब (जीएसएल) खुलेगी। इसके लिए दो करोड़ रुपये की मशीन लगेगी। यहां वायरय के स्ट्रेन में होने वाले बदलाव पर शोध होंगे। देश में ऐसी 10 लैब हैं। उधर मरीजों को राहत देते हुए एक जनवरी से अस्पताल की सभी ओपीडी खोल दी जाएंगी।

5000 की जांच होगी अब 1500 रूपये में-
ये जानकारी जिम्स निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने दी। उन्होंने वर्ष 2020 में संस्थान द्वारा किए गए कार्यों की भी जानकारी दी। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक व कोविड नोडल अधिकारी सौरव श्रीवास्तव, वित्त अधिकारी पीडी उपाध्याय आदि मौजूद रहे। कोरोना संक्रमण के कारण कुछ ओपीडी अभी बंद थीं। अगले 15 दिन में एमआरआइ जांच भी शुरू हो जाएगी। 1500 रुपये में एमआरआइ जांच होगी, जो कि निजी अस्पतालों में पांच हजार रुपये के करीब होती है।
28 फरवरी से लैब शुरू करने का लक्ष्य-
निदेशक ने बताया कि 28 फरवरी लैब शुरू करने का लक्ष्य है। जिले में अब तक ब्रिटेन से आए दो लोगों में नये स्ट्रेन की पुष्टि हुई है, जिनके सैंपल जीएसएल में भेजा गया है। ऐसे में शासन से बात कर लैब खोलने का फैसला लिया है। इसके अलावा कोविड-19 समेत छह तरह के वायरस पर शोध के लिए बायो सेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल-3) लैब बनाई जा रही है। इसके लिए तीन करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर दिया जा चुका है। मार्च तक इसे शुरू किया जाएगा।