नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के निवाड़ी में करीब सौ घंटे बाद बोरवेल में गिरे बच्चे प्रहलाद को शनिवार देर रात निकाला गया, लेकिन वो जिंदगी की जंग हार गया. प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी प्रहलाद को बोरवेल से जिंदा नहीं बचाया जा सका. मासूम प्रहलाद को जब बोरवेल से निकालने के बाद तुरंत अस्पाताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया. डॉक्टर ने बताया कि प्रहलाद की पहले ही मौत हो चुकी थी।

- जिंदगी की जंग हार गया प्रहलाद
- 90 घंटे बाद प्रहलाद को NDRF की टीम ने मृत अवस्था में बाहर निकाला
- बुधवार की सुबह खेत में सौ फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था प्रहलाद
- तमाम कोशिशों के प्रहलाद को नहीं बचाया जा सका
उसे मृत अवस्था में ही अस्पताल लेकर आया गया था. उसकी मौत दम घुटने से बताई जा रही है इसके अलावा पानी के कारण भी उसकी बॉडी पर असर पड़ा है. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि आखिर रात की मौत के और क्या कारण रहे हैं. शनिवार को प्रहलाद को निकालने के लिए जो तिरछी सुरंग बनाई जा रही थी, जिसका डायरेक्शन भटक जाने की वजह से सुरंग बोर तक नहीं पहुंच पाई थी. देर रात करीब 11 बजे एनडीआरएफ की टीम ने खुदाई रोक दी थी. इसके बाद देर रात झांसी से एक्सपर्ट की टीम आई, जिन्होंने मैग्नेटिक अलाइनमेंट के जरिए सुरंग की दिशा तय की. इसके बाद दोबारा खुदाई शुरू की गई और रात तीन बजे बच्चे को निकाला गया.बता दें कि निवाड़ी जिले के सेतपुरा गांव में हरिकिशन का चार साल का बेटा प्रह्लाद बुधवार की सुबह खेत में खोदे गए दो सौ फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था, उसके बाद से ही बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा था ।