नई दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली-एनसीआर सहित देश के सभी शहरों और कस्बों में ‘खराब’ होती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर COVID-19 महामारी के दौरान सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध को बढ़ा दिया है। हालांकि, क्रिसमस और नए साल पर सिर्फ उन शहरों में रात 11:30 से 12:30 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी, जहां हवा की गुणवत्ता मोडरेट है। इसके साथ ही एनजीटी ने सभी जिलों में हवा की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए यंत्र लगाने का आदेश दिया है।

इससे पहले तेजी से बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर एनजीटी ने 9 नवंबर की आधी रात से 30 नवंबर की रात तक पूरे दिल्ली-एनसीआर में पटाखों जलाने और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, दिल्ली सरकार पहले ही राजधानी में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बुधवार को ‘बेहद खराब’ श्रेणी के आसपास दर्ज किया गया और गाजियाबाद तथा ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में रहा। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह नौ बजे 381 था। 24 घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार को 367, सोमवार को 318 और रविवार को 268 था। गाजियाबाद में एक्यूआई 430 और ग्रेटर नोएडा में 410 दर्ज किया गया ।