”ग्रेटर नोएडा वेस्ट” के बाद अब दूसरे चरण का विस्तार करेगा Greater Noida!

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दिल्ली: ग्रेटर नोएडा Greater Noida अब और बड़ा होने जा रहा है। पहला चरण बसने के बाद अब दूसरे चरण को बसाने पर काम शुरू हुआ है। अब तक का कुल क्षेत्रफल करीब 22 हजार हेक्टेयर है, जो दूसरे चरण 51 हजार हेक्टेयर जमीन और ली जाएगी। इससे भविष्य में बड़े पैमाने पर उद्योग, रिहायश, व्यावसायिक इमारतें व शिक्षण संस्थान खुलेंगे, अरबों रुपये के निवेश और रोजगार की आस बढ़ी है।

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मास्टर प्लान 2041 तैयार-

दरअसल, ग्रेटर नोएडा का मास्टर प्लान 2021 चल रहा है। इसका दायरा वैसे तो 30 हजार हेक्टेयर से अधिक है, लेकिन अगर शहरी क्षेत्र की बात करें तो कुल 22255 हेक्टेयर एरिया में वर्तमान ग्रेटर नोएडा बसा हुआ है। अब इसका मास्टर प्लान 2041 तैयार होने जा रहा है। इसे तैयार करने के लिए एजेंसी चयनित की जाएगी। प्राधिकरण ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) निकाल दिया है। जनवरी के प्रथम सप्ताह में इसकी तकनीकी निविदा खुलेगी। पांच से छह कंपनियों ने आवेदन भी किए हैं। इसके बाद वित्तीय निविदा खुलेगी। उसमें इन कंपनियों में से किसी एक का चयन होगा, जो मास्टर प्लान तैयार करेगी।

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हापुड़ व बुलंदशहर की सीमा तक पहुँचेगा-

नया ग्रेटर नोएडा मौजूदा ग्रेटर नोएडा से काफी बड़ा होगा। अभी तक 22,255 हेक्टेयर पर ही शहरी क्षेत्र की बसावट है। इसमें ग्रेटर नोएडा वेस्ट भी शामिल है, लेकिन 2041 के मास्टर प्लान के हिसाब से 51 हजार हेक्टेयर जमीन ली जाएगी। पहली बार ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्ध नगर की सीमा को पार करेगा। बुलंदशहर व हापुड़ के कुछ जिले भी इसमें आ जाएंगे। यह एरिया रेलवे लाइन से दादरी की तरफ का होगा। हापुड़ बाईपास तक का एरिया इसके दायरे में आएगा। इसमें 200 से अधिक गांवों की जमीन ली जाएगी। नोएडा एयरपोर्ट को देखते हुए ग्रेटर नोएडा में भी जमीन की मांग बढ़ी है। तमाम उद्यमी यहां निवेश करना चाह रहे हैं। उनको जमीन मिल सकेगी, जिससे उद्योग लगेंगे। निवेश बढ़ेगा और रोजगार भी मिलेगा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बने फ्लैट भी धीरे-धीरे बसते जा रहे हैं। इसके बाद रिहायश की जरूरत इस नए शहर से पूरी हो सकेगी।

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यमुना प्राधिकरण पहले ही कर चुका है घोषणा-

यमुना प्राधिकरण पहले ही मास्टर प्लान 2041 तैयार करने की घोषणा कर चुका है। इसका विस्तार बुलंदशहर की तरफ होगा। करीब 20 गांवों की जमीन लेने की योजना है। इस जमीन पर नोएडा एयरपोर्ट के आसपास सिटी साइट विकसित की जाएगी। ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब भी इसी जमीन पर विकसित किए जाएंगे।

ग्रेटर नोएडा में स्टाफ भी बढ़ाने की तैयारी-

आपको बता दें ग्रेटर नोएडा विस्तार के साथ ही स्टाफ की भी जरूरत पड़ेगी, इसे देखते हुए प्राधिकरण के सीईओ ने शासन को पत्र लिखा है, जिसमें यहां करीब 1500 स्टाफ की जरूरत बताई गई है। मौजूदा समय में 250 स्टाफ ही हैं। प्राधिकरण में केंद्रीय सेवा नियमावली लागू होने के कारण सभी स्टाफ की नियुक्ति शासन से ही हो सकती है। प्राधिकरण ने तर्क दिया है कि ग्रेटर नोएडा नोएडा का दायरा नोएडा प्राधिकरण के लगभग बराबर होगा। नोएडा प्राधिकरण में 2000 से अधिक स्टाफ हैं।

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