असम में बंद होंगे सरकारी मदरसे? विधानसभा में विधेयक पेश

national bill aiming to end practice of running madrassa
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नई दिल्ली : असम में सरकारी मदरसों को बंद करने लिए आज विधानसभा में एक विधेयक पेश किया गया। राज्य के शिक्षा मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने यह विधेयक पेश किया। इससे पहले उन्होंने कहा था कि आज वह विधानसभा में मदरसों को लेकर एक विधेयक पेश करेंगे।

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इसके पास होने के बाद राज्य में सरकारी मदरसों का संचालन बंद हो जाएगा, जो असम की स्वतंत्रता के पहले चल रहा था। असम विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र आज से शुरू हुआ।

शिक्षा को धर्मनिरपेक्ष बनाने का फैसला-

14 दिसंबर को सरमा ने कहा था कि राज्य सरकार ने ‘शिक्षा को धर्मनिरपेक्ष’ बनाने का फैसला किया है। इसके तहत राज्य में 198 उच्च मदरसे और 542 अन्य मदरसे किसी अन्य सामान्य शैक्षणिक संस्थान के रूप में संचालित होंगे। अक्टूबर में, सरमा ने घोषणा की थी कि राज्य में सभी सरकारी मदरसों व संस्कृत स्कूलों को बंद किया जाएगा।

यह कदम असम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भंग करके सभी सरकारी मदरसों को सामान्य स्कूलों में तब्दील कर दिया जाए। इसमें सभी नियमित छात्रों को उत्तीर्ण होने की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद इन स्कूलों में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को नियमित छात्रों के तौर पर पढ़ाई करनी होगी।

मदरसे और संस्कृत स्कूलों को लेकर ये फैसला-

सरमा ने यह भी कहा था कि एकरूपता लाने के लिए सरकारी खर्च पर कुरान पढ़ाने की इजाजत जारी नहीं रखी जा सकती है, क्योंकि तब अन्य समुदायों के लिए धार्मिक शिक्षा के प्रावधान की जरूरत होगी। उन्होंने बताया था कि असम में 610 सरकारी मदरसे हैं। इनपर प्रतिवर्ष 260 करोड़ रुपये का खर्च आता है। उन्होंने कहा था कि संस्कृत स्कूलों को विश्वविद्यालय को सौंपा जाएगा।

 

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