नई दिल्ली। राज्यसभा से आज कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद समेत चार सदस्यों की विदाई हो रही है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रो-रोकर गुलाम नबी आजाद की तारीफ में भाव प्रकट किया। पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि गुलाम नबी आजाद ने उस दिन उनको फोन किया और वह फोन पर बहुत रो रहे थे. उस वक्त मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. गुलाम नबी आजाद से मेरे रिश्ता दोस्ताना जैसा रहा हैं. राजनीति में बहस, वार-पलटवार चलता रहता है. लेकिन एक मित्र होने के नाते मैं उनका बहुत आदर करता हूं।

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आज़ाद के साथ कई और सदस्य की विदाई-
आजाद के साथ साथ जम्मू कश्मीर से राज्यसभा में सदस्य मीर फय्याज, शमशेर सिंह मन्हास और नजीर अहमद को भी विदाई दी गयी। आजाद और अहमद का कार्यकाल 15 फरवरी को जबकि मन्हास और फय्याज का कार्यकाल 10 फरवरी को पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजाद अपने दायित्व के प्रति बहुत सजग थे और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभायी। ऐसा लगता है कि उनके उत्तराधिकारी के लिए उनकी जगह लेना बहुत कठिन होगा।

उनकी कमी होगी महसूस-
पीएम मोदी ने कहा कि आजाद ने नेता विपक्ष के रूप में कभी अपना दबदबा बनाये रखने की कोशिश नहीं की और अपने दल के साथ साथ देश और सदन की भी चिंता की । उन्होंने कहा कि यह कार्यकाल उनके करियर का संभवत उत्तम कार्यकाल है क्योंकि इस दौरान इतिहास ने करवट ली है और वे इसके सहयात्री रहे हैं। मोदी ने कहा कि आजाद के सत्ता और विपक्ष के 28 वर्षों के अनुभव से सबको बहुत कुछ सीखने को मिला है और उनकी कमी सदन को हमेशा खलेगी।