नई दिल्ली : दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर जारी है, अधिकतर देशों में वायरस की दूसरी लहर चल रही है दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन पर काम तेजी से चल रहा है रूस, ब्रिटेन, अमेरिका समेत कई देशों में कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान भी शुरू हो गया है, जबकि कई देश वैक्सीनेशन की तैयारियों में जुटे हैं, वहीं दुनियाभर के इस्लामिक धर्मगुरुओं के बीच इस बात को लेकर असमंजस है कि सुअर के मांस का इस्तेमाल कर बनाए गए कोविड-19 टीके इस्लामिक कानून के तहत जायज हैं या नहीं। इसे लगवाया जाए या नहीं।

टीकों के भंडारण और ढुलाई के दौरान उनकी सुरक्षा और प्रभाव बनाए रखने के लिये सुअर के मांस से बने जिलेटिन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है, कुछ कंपनियां सुअर के मांस के बिना टीका विकसित करने पर कई साल तक काम कर चुकी हैं, स्विटजरलैंड (Switzerland) की दवा कंपनी ‘नोवारटिस’ ने सुअर का मांस इस्तेमाल किये बिना मैनिंजाइटिस टीका तैयार किया था जबकि सऊदी और मलेशिया स्थित कंपनी एजे फार्मा भी ऐसा ही टीका बनाने का प्रयास कर रही हैं।

इजराइल की रब्बानी संगठन जोहर के अध्यक्ष रब्बी डेविड स्टेव ने कहा, ‘यहूदी कानूनों के अनुसार सुअर का मांस खाना या इसका इस्तेमाल करना तभी जायज है, जब इसके बिना काम न चले। उन्होंने कहा कि अगर इसे इंजेक्शन के तौर पर लिया जाए और खाया नहीं जाए, तो यह जायज है और इससे कोई दिक्कत नहीं है। बीमारी की हालत में इसका इस्तेमाल विशेष रूप से जायज है।