नई दिल्ली : कोरोना वैक्सीन को लेकर मुस्लिम संगठनों के सहमति और असहमति के लगातार बयान आ रहे हैं. हाल ही में अरब अमीरात (UAE) के शीर्ष इस्लामी संगठन फतवा काउंसिल ने कोरोना वायरस टीकों में पोर्क के जिलेटिन का इस्तेमाल होने पर भी इसे जायज करार दिया था. 9 मुस्लिम संघटनों (Muslim Organizations) ने फैसला लिया है कि चीन में बनने वाली कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का इस्तेमाल मुस्लिम नहीं करेंगे.

इन मुस्लिम संगठनों का कहना है कि चाइना की वैक्सीन में सुअर (Pork) का इस्तमाल हुआ है. सुअर मुसलमानों के लिए हराम होता है. इसलिए चाइना वाली वैक्सीन का इस्तेमाल हमलोग नहीं करेंगे.
मुस्लिम संगठनों का ये है कहना-
नूरी आगे कहते हैं, ‘हमें पता चला है की चाइना में एक वैक्सीन बनाई है, जिसमें सुअर के बाल, चर्वी या उसके मांस का इस्तमाल हुआ है. मुसलमानों में सुअर पूरी तरह से हराम है. अगर सुअर का एक बाल भी कुएं में गिर जाता है तो वो पूरा कुआं ना-पाक हो जाता है. इसलिए यह तय हुया है कि चाइना वाली वैक्सीन का इस्तेमाल हम नही करेंगे.
आपातकालीन उपुओग के लिए किया आवेदन-
परीक्षणों को पूरा करने के बाद पूरे भारत में 25 केंद्रों पर 26,000 वॉलंटियर्स पर तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल्स कर रहा है. गौरतलब है कि वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर हो रही सहमति और असहमति के बीच भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (डीजीसीआई) के साथ अपने कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए आवेदन किया है.