नई दिल्ली: आज की इस मतलबी दुनिया में जहां एक और इंसान ही इंसान का दुश्मन बनता जा रहा है। हम आए दिन देखते हैं कि लोग अपने नवजात शिशुओं को बेसहारा मरने के लिए छोड़ देते हैं, जहां इंसानियत चारों तरफ शर्मसार हो रही है लोगों में हैवानियत बढ़ती ही जा रही है।

जानवरों में इंसानों से ज़्यादा दया भाव-
इसी बीच हम आपको एक ऐसी घटना से रुबरु कराने जा रहे हैं, जिससे आपको पता चलेगा कि जानवरों में इंसानों से ज़्यादा दया भाव और इंसानियत होती है। ये घटना दक्षिण भारत की है जहाँ पर एक बंदर एक छोटे से कुत्ते के बच्चे को बचाने के लिए पूरे प्रयत्न करता दिखाई देता है। इंसान भले ही एक दूसरे के दुश्मन बन जाए लेकिन अक्सर जानवर सिर्फ़ अपनी प्रजाति के ही नहीं बल्कि दूसरी प्रजाति के जानवरों के बच्चों से भी प्यार करते दिखाई देते हैं।

यह घटना आपको हैरान अवश्य करेगी क्योंकि कुत्तों को तो हमने बंदरों के पीछे भोंकते हुए देखा है लेकिन किसी बंदर को कुत्ते के बच्चे को पालते हुए नहीं देखा। दरअसल एक रीसस मकाक प्रजाति के बंदर ने जब सड़क पर घूमते एक छोटे से कुत्ते के बच्चे को अकेला पाया तो उसने जल्दी से उसे माँ की तरह अपनाकर उसे प्यार से अपने साथ रखा। मानो उस बंदर ने उसे गोद ले लिया हो।
आवारा कुत्तों से भी लड़ गया बंदर-
इतना ही नहीं वह बंदर कुछ छोटे कुत्ते के बच्चे की रक्षा के लिए दूसरे आवारा कुत्तों से भी लड़ रहा था। इसलिए उस बंदर को देखकर कोई जानवर उस छोटे कुत्ते को परेशान करने नहीं आ पाया। वहाँ के लोगों ने जब बंदर और कुत्ते के बच्चे के लिए भोजन रखा तो सभी यह देखकर आश्चर्य में पड़ गए कि बंदर ने पहले कुत्ते के बच्चे को ही खाना दिया और बाद में उसने खाया।

इस घटना से मनुष्यों को मानवता की सीख है, जहाँ एक और इंसान ही इंसानों के ही बच्चों को प्यार नहीं दे पाते हैं वहीं एक जानवर का दूसरी प्रजाति के जानवर के प्रति इतना लगाव, दयाभाव और उसका निस्वार्थ प्रेम सभी को अच्छी सीख देता है।