नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में खनन घोटाला आरोपी पूर्व आइएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह के यहां सीबीआइ के छापे में साढ़े चार करोड़ रुपये के जेवरात उनके पास से बरामद किए हैं। बता दे सत्येंद्र सिंह पर कौशांबी में जिलाधिकारी रहते हुए खनन माफिया का नाजायज फायदा पहुंचाने का आरोप है। सीबीआइ उनके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर रही है।

खनन घोटाला अलग-अलग शहरों में बैंक अकाउंट
सूत्रों के अनुसार, सत्येंद्र सिंह ने ये जेवरात छह बैंक लॉकरों में रखे हुए थे। इस महीने की शुरुआत में मारे गए छापे में इन लॉकरों का पता चला। उसके बाद उनके सारे जेवरात जब्त कर लिए गए हैं। ये लॉकर सत्येंद्र सिंह, उनकी पत्नी मीता और बेटी जयंती के नाम थे। चार लॉकर सत्येंद्र और उनकी पत्नी के संयुक्त नाम से, एक लॉकर पत्नी और एक लॉकर पत्नी और बेटी के संयुक्त नाम से थे। ये लॉकर अलग-अलग बैंकों की अलग-अलग ब्रांच और अलग-अलग शहरों में लिए गए थे।
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खनन घोटाला करोड़ों के जेवर और संपत्ति बरामद
दरअसल दो फरवरी को छापे के दौरान सीबीआइ ने कुछ लॉकर खोले थे। उनमें से सीबीआई को 2.11 करोड़ रुपये के जेवर मिले थे। बाद में अन्य लॉकर की तलाश में 2.37 करोड़ रुपये के जेवर मिले। सत्येंद्र सिंह के ठिकाने से विभिन्न शहरों फैली 44 संपत्तियों के दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। सीबीआइ इन संपत्तियों की कीमत का आंकलन करा रही है। करोड़ों के जेवर और संपत्तियों के साथ ही सीबीआइ को सत्येंद्र सिंह के परिवार के सदस्यों के नाम 44 बैंक अकाउंट, 51 लाख रुपये की एफडी, 10 लाख रुपये नकद और एक लाख रुपये के बंद हो चुके पुराने नोट भी मिले थे।

उत्तर प्रदेश में अवैध खनन का यह मामला समाजवादी पार्टी की सरकार का कार्यकाल का है। सत्येंद्र सिंह को अखिलेश यादव का बेहद करीबी भी बताया जाता है।