मकर राशि में प्रवेश होने से सूर्य का क्या पड़ता है प्रभाव- अरिहंत ऋषि

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नई दिल्ली : अरिहंत ऋषि जी के अनुसार वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को ग्रहों के राजा की उपाधि प्राप्त है। सूर्य को जगत की आत्मा भी कहा जाता है। ये देखा गया है कि जब भी सूर्य अपना स्थान परिवर्तन करते हुए, मकर राशि में प्रवेश करता है तो, इस घटना का प्रभाव बेहद शुभ माना जाता है। कई स्थानों पर इस विशेष दिन को, मकर संक्रांति के पर्व के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है।

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मकर संक्रांति का ये दिन ये शुभ-

इस बार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी 2021 को, प्रात: काल 8 बजकर 04 मिनट पर होगा, इसलिए वर्ष 2021 में देशभर में मकर संक्रांति, पोंगल और उत्तरायण पर्व 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा।

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लाभ और हानि का रखें ध्यान-

वैदिक ज्योतिष में, सूर्य आत्मा, पिता, पूर्वज, सम्मान और उच्च सरकारी सेवा का प्रतिनिधित्व करता है। इसके परिणामस्वरूप, जिस भी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ होती है, उस व्यक्ति को जीवन में मान-सम्मान और सरकारी सेवा में उच्च पद की प्राप्ति होती है। परंतु, कुंडली में इसके विपरीत सूर्य की कमज़ोर स्थिति के कारण, व्यक्ति को नेत्र संबंधी पीड़ा, पिता को कष्ट और कुंडली में पितृ दोष तक झेलना पड़ सकता है।

मकर संक्रांति पर राशियों का है महत्त्व-

इस त्यौहार में राशियों का काफी महत्व माना जाता है. मकर शनि का मुख्य राशि माना जाता है. इस दिन सूर्य शनि में प्रवेश करता है. अगर आपके कुंडली में सूर्य और शनि की स्थिति खराब है, तो इस मकर संक्राति के दिन विशेष उपाय कर उसे आप ठीक कर सकते हैं. इस त्यौहार पर स्नान, ध्यान और दान का भी विशेष महत्व है.

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