नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव (विधायी) अतुल श्रीवास्तव ने राज्यपाल की मंजूरी के बाद ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ की अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी। इसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

यूपी के अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपए के जुर्माने के साथ 1 से 5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपए के जुर्माने के साथ 3 से 10 साल की जेल होगी,बता दें कि पिछले मंगलवार यानी कि 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने लव जिहाद पर अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इसके बाद इसे राज्यपाल के पास पारित करवाने के लिए भेजा गया था ।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. अब 6 महीने के अंदर इस अध्यादेश को राज्य सरकार से विधानसभा से पास कराना पड़ेगा।