नई दिल्ली। दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए हुड़दंग के बाद किसानों की वापसी शुरू हो गई। बुधवार सुबह से ही पंजाब की ओर जाने के लिए जीटी रोड पर ट्रैक्टर-ट्रालियों की लाइन लग गई। लाइन इतनी लंबी थी कि कुंडली से लेकर मुरथल से आगे तक जीटी रोड पूरी तरह से जाम हो गया। दोपहर तक गांव रसोई तक जीटी रोड लगभग खाली हो चुका था।

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बड़ी संख्या में किसानों की वापसी-
किसान नेताओं ने एलान किया था कि परेड से वापस आने के बाद कोई किसान वापस नहीं जाएगा, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में किसानों की वापसी से किसान नेता चिंतित हो उठे। जैसे-जैसे वापस लौट रहे किसानों को समझाने का प्रयास शुरू हुआ और आंदोलन स्थल से वापस हो रहे किसानों को रोकने का काम शुरू हुआ, किसानों को धरनास्थल पर बनाए रखने के लिए किसान नेताओं ने भी अपनी ताकत झोंक दी है।

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चिल्ला बॉर्डर पर आंदोलन समाप्त-
दिल्ली में उपद्रव के बाद बुधवार को नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को समाप्त कर दिया गया। इस दौरान टेंट व अन्य सामान समेटते लोग। बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि दो महीने बाद यदि यहां से खाली हाथ लौटे तो घर की मां, बहन और पत्नी भी ताने मारेंगी। उन्होंने सभी को सिख इतिहास और कुर्बानी की याद दिलाई। गुरु गोविन्द सिंह के साहिबजादों की शहादत की याद दिलाई। बलबीर सिंह राजेवाल ने तो श्रवण सिंह पंधेर और सतमान सिंह पन्नू को गद्दार करार दिया। गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने जाट आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि उसी की तर्ज पर अब इस आंदोलन को भी तोड़ने की कोशिश की जा रही है।