नई दिल्ली : दिल्ली से सटे हरियाणा के सिंघु और टीकरी बॉर्डर के साथ यूपी के नोएडा और गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर में आवाजाही बाधित है। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को एक महीना होने को है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसानों का आंदोलन बृहस्पतिवार को 29वें दिन पहुंच गया।

किसान संगठन करवाएंगे हरियाणा के सभी टोल प्लाजा फ्री-
बता दें कि आगामी शुक्रवार, शनिवार और रविवार को किसान संगठन हरियाणा के सभी टोल प्लाजा फ्री करवाएंगे। इसे आंदोलन की कड़ी बताया जा रहा है। इसका एलान किसान संगठन पहले ही कर चुके हैं। दिल्ली-एनसीआर में आधा दर्जन जगहों पर किसानों का धरना-प्रदर्शन होने के चलते बृहस्पतिवार सुबह से ही ट्रैफिक धीमा है। खासकर नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली जा रहे लोगों को दिक्कत पेश आ रही है। दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया कि किसान विरोध के कारण नोएडा और गाज़ियाबाद से दिल्ली की ओर आने वाले यातायात के लिए चिल्ला और गाजीपुर सीमाएं बंद हैं। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा, भोपरा और लोनी सीमाओं के माध्यम से दिल्ली आने के लिए वैकल्पिक मार्ग लें।
एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कही ये बात-
बाबत प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने 17 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि किसानों को बगैर किसी बाधा के अपना आंदोलन जारी रखने देना चाहिए और न्यायालय शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करेगा। इस मामले में जिन किसान यूनियनों को प्रतिवादी बनाने का अनुरोध किया गया है उनमें बीकेयू-सिधूपुर, बीकेयू-राजेवाल, बीकेयू-लखोवाल, बीकेयू-डकौंडा, बीकेयू-दोआबा, जंबूरी किसान सभा और कुल हिंद किसान फेडरेशन भी शामिल हैं। किसानों के प्रदर्शन के मद्देजर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वालों में से एक याचिकाकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रही 40 से ज्यादा किसान यूनियनों को पक्षकार बनाना चाहता है।