नई दिल्ली : किसान यूनियनों की मंगलवार को हुई बैठक में कृषि मंत्रालय के पत्र का जवाब तैयार करने और वार्ता के प्रस्ताव को स्वीकार अथवा खारिज करने पर विचार-विमर्श हुआ, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका। किसान यूनियनें सरकार के साथ वार्ता को लेकर न सिर्फ अपनी पुरानी जिद पर कायम हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने के लिहाज से अब ब्रिटिश सांसदों को भी पत्र लिखकर उनसे आग्रह करने की योजना है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री बोरिस जानसन को आने से रोकें। संकेत साफ है कि मामला अभी लंबा खिंचेगा और देर सबेर कोर्ट के आदेश पर ही कोई राह निकलने की गुंजाइश है।

ब्रिटिश PM को गणतंत्र दिवस पर रोकने के लिए लिखेंगे पत्र-
संयुक्त किसान मोर्चा की मंगलवार को हुई बैठक में एक चौंकाने वाला फैसला किया गया है, जिसके तहत इंग्लैंड के सांसदों को पत्र लिखकर आग्रह किया जाएगा कि वे अपने प्रधानमंत्री बोरिस जानसन को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा नहीं लेने के लिए मनाएं। उन्हें किसानों की मांगों के समर्थन में बायकाट करना चाहिए।
बेनतीजा समाप्त मोर्चा की बैठक-
मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक सुबह 10.30 बजे से शाम छह बजे तक चली, फिर भी वे किसी सर्वसम्मत समाधान पर नहीं पहुंच सके। बताते हैं कि कुछ संगठन चाहते हैं कि बातचीत होनी चाहिए। ऐसे संगठनों का मानना था कि वार्ता के बुलावे को स्वीकार कर अपने मुद्दों को जोर-शोर से उठाना चाहिए।मामला कोर्ट में पहुंच चुका है और ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हम बातचीत के लिए तैयार ही नहीं हैं। बहरहाल, अब सरकार को उसकी चिट्ठी का जवाब बुधवार को भेजा जाएगा। इसे तैयार करने में कुछ कानूनविदों और वकीलों की मदद ली जाएगी।
जिद के चलते नहीं निकल सका कोई समाधान-
किसान यूनियनों की दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार के साथ पांच दौर की वार्ता के बावजूद किसान नेताओं की जिद के चलते किसी समाधान तक नहीं पहुंचा जा सका है। यूनियनों ने कृषि सुधार कानूनों को रद करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग पर अड़ियल रुख अपनाए रखा।