दिल्ली: यह देखना होगा कि, जब पीएम मोदी ने कृषि कानून के समर्थन में संबोधन दिया है तो क्या इसके बिच किसानों की मांग पूरी हो पायेगी यह सवाल सभी के मन में होगा, कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों से आज केंद्र सरकार बातचीत करेगी. कोरोना संकट और ठंड को देखते हुए सरकार ने 3 दिसंबर को होने वाली बातचीत पहले ही बुला ली. ऐसे में सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मंथन से कोई हल निकल सकता है. किसान पिछले 6 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. ऐसे में क्या सरकार की बातचीत के पहल से किसान मानेंगे.
पीएम मोदी ने किसानों को दिया भरोसा-
किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से कृषि कानून पर अपनी बात कही. पीएम मोदी ने कृषि कानूनों के फायदे गिनाएं और इसे किसानों के लिए हितकारी करार दिया. साथ ही पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल किसानों को बर्गला रहे हैं और सरकार के खिलाफ उकसा रहे हैं. हालांकि, किसान MSP-मंडियों को जिंदा रखने के भरोसे को लिखित रुप में मांग रहे हैं ऐसा ना होने पर NCR जाम करने की चेतावनी दे रहे हैं.

आज दोपहर विज्ञान भवन में चर्चा-
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 1 दिसंबर यानी आज दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ बैठक बुलाई है. पिछले 6 दिनों से किसान सड़कों पर हैं और लगातार सरकार से आधिकारिक वार्ता की अपील कर रहे थे. पहले सरकार की शर्त थी कि किसान बुराड़ी ग्राउंड में जाएं, फिर बात होगी लेकिन किसानों ने इसे नहीं माना था. इससे पहले अक्टूबर-नवंबर में भी किसान-सरकार के प्रतिनिधियों की बात हो चुकी है. गौरतलब इससे पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है जिसमे गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे.