नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुआ किसानों का रण अभी तक खत्म नहीं हुआ है. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली और आसपास के इलाकों में किसानों ने डेरा जमाया हुआ है. प्रदर्शनकारी किसानों को सरकार की ओर से बातचीत का प्रस्ताव दिया जा रहा है, लेकिन किसान शर्तें नहीं मान रहे हैं. दूसरी ओर, सरकार इस मसले पर एक्टिव हुई है और बीते दिन बड़े मंत्रियों ने बैठक की. अब आज इसका प्रदर्शन पर क्या असर होता है, इसपर हर किसी की नज़रें हैं.

सरकार कर रही किसानों को लेकर मंथन-
बीते दिन हैदराबाद से लौटते ही गृह मंत्री अमित शाह किसानों से जुड़ी एक बैठक में शामिल हुए. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर राजनाथ सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर, अमित शाह ने बैठक की और किसान आंदोलन पर मंथन किया. जैसे-जैसे किसानों का आंदोलन बढ़ रहा है, राजनीतिक हलचल भी जारी है. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल किसानों के साथ हैं और सरकार को घेर रहे हैं.
चारों तरफ से दिल्ली को घेरा-
दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की मांग को लेकर अड़े किसानों का संघर्ष जारी है. सरकार की ओर से बुराड़ी में प्रदर्शन करने की अपील को किसानों ने ठुकरा दिया और कहा कि कृषि कानूनों को लेकर उनकी मांग मानी जाए, वरना दिल्ली आने वाले पांचों रास्ते बंद किए जाएंगे. किसानों का कहना है कि उनके पास चार महीने तक का राशन है, ऐसे में वो अपनी जगह से टस से मस नहीं होंगे.