नई दिल्ली: कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का फायदा कुछ असामाजिक तत्व भी उठाने की कोशिश कर रहे हैं, आंदोलन की आड़ में खालिस्तान समर्थक अलगाववादी संगठन भी सक्रिय हो गए हैं और आंदोलन स्थल पर जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लहरा रहे है, आंदोलन में शामिल ट्रैक्टर और धरनास्थल के आसपास लगे बैनर पर खालिस्तान समर्थक अलगाववादी भिंडरावाले के फोटो लगे हैं कृषि कानूनों के विरोध में कुंड़ली बार्डर पर पिछले 37 दिनों से पंजाब के साथ साथ हरियाणा व उत्तर प्रदेश के किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, केंद्र सरकार किसान संगठनों से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास कर रही है।

किसानों के दो एजेंडों पर सरकार के साथ सहमति भी बन गई है, अगली वार्ता सोमवार को होनी है, लेकिन कुछ लोग किसानों को मोहरा बना कर अपनी रोटियां सैकने में लग गए हैं, आंदोलन के बहाने एक बार फिर से खालिस्तान समर्थक सिर उठाने की कोशिश करने में लगे हैं, आंदोलनस्थल के कुछ जगहों पर खालिस्तान समर्थक अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के बैनर- पोस्टर देखे जा सकते हैं।

वर्ष 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आपरेशन ब्लूस्टार के दौरान खालिस्तान अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले की मौत हुई थी।
किसाम आंगोलन के मुख्य मंच से करीब डेढ़- किलोमीटर पीछे पंजाब से आए ट्रैक्टर के पीछे भिंडरावाले का फोटो लगा हुआ देखा जा सकता है, तो इसी के आसपास में कुछ युवा भी हाथों में पोस्टर लेकर किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करते देखे जा सकते है।