Kagaz Film के रियल लाइफ पंकज त्रिपाठी, जिन्हें देना पड़ रहा जिंदा होने का सबूत

Kagaz Film
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नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला में एक अजीब सा मामला देखने को मिला है, पिछले महीने ही पंकज त्रिपाठी की एक फिल्म Film कागज़ Kagaz आयी थी जिसमे वो एक बैंड वाले का किरदार करते हैं और उन्हें अपने जिन्दा होने का सबूत देना पड़ता है, उसके कागज़ दिखाने पड़ते हैं वैसा ही कुछ मामला गोंडा जिले से आया है। जिसमें एक जिंदा युवक खुद को जिंदा होने का सबूत पेश कर रहा है लेकिन अधिकारी हैं कि मानने को तैयार ही नहीं झंझरी ब्लॉक के रामनगर तरहर के रहने वाले श्री राम तिवारी बीते 5 सालों से अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं लेकिन अधिकारी उनके जिंदा होने की बात मानने को तैयार ही नहीं।

Kagaz Film: परिवार रजिस्टर में मुर्दा कर दिया

आपको बता दें मौजूदा ग्राम पंचायत अधिकारी ने खेल करते हुए परिवार रजिस्टर में उनको मुर्दा कर दिया और उन्हीं के आधार पर लेखपाल ने भी उनकी जमीन को दूसरे के नाम पर बैनामा कर दिया। जब यह मामला जिलाधिकारी तक पहुंची तो उन्होंने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।

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Shri Ram Tiwari

जिनको आप तस्वीरों में देख रहे हैं वह हाथ में कागज लिए कोई भूत नहीं जिंदा शख्स है जो खुद को जिंदा होने का सबूत पेश कर रहा है गोंडा के झंझरी विकासखंड क्षेत्र ग्राम पंचायत रामनगर तरहर के तत्कालीन सचिव और लेखपाल ने वर्ष 2017 में कर दिखाया। तत्कालीन सचिव ने राम तिवारी पुत्र गिरजा दत्त तिवारी को जीवित होते हुए भी ग्राम पंचायत के परिवार रजिस्टर में मृत दिखाकर मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया। तत्कालीन लेखपाल भी एक कदम आगे निकले और उन्होंने पीड़ित की खतौनी में राम गरीब पुत्र गिरजा दत्त निवासी अज्ञात के नाम पीड़ित की ही सारी भूमि वरासत कर डाली।

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Death Certificate

जिसके बाद से ही पीड़ित श्री राम तिवारी पुत्र गिरजा दत्त तिवारी पिछले 5 सालों से अपने को जीवित होने का सबूत दे रहा है। राजस्व एवं विकास खंड के अधिकारी पीड़ित की समस्या का समाधान करने के बजाय उल्टे पीड़ित को ही विभागीय गलतियों का कसूरवार ठहरा रहे हैं। और अधिकारी हैं कि उसको जिंदा मानने को तैयार ही नहीं है। जब सिस्टम के आगे  जिंदा व्यक्ति अपने उम्मीदों का दम तोड़ रहा हो तो फिर ऐसे मुर्दा सिस्टम के आगे आखिर कोई कब तक परिक्रमा करते रहेगा।

मृतक दिखाकर मेरी जमीन को वरासत कर दी गई

वही पीड़ित श्री राम तिवारी का कहना है कि मेरे पिता चौबेपुर के निवासी थे रामनगर में हमारी खेती थी वहां से मेरा मृतक परिवार रजिस्टर बनवाया गया मुझे मृतक दिखाकर मेरी जमीन को रामगरीब के नाम वरासत कर दी गई है। हमारे भाई द्वारा लेखपाल व सिगरेक्टरी से करवाया गया है। मैं जिंदा हूं लेकिन मुझे प्रशासन ने मुर्दा दिखाकर मेरी जमीन दूसरे के नाम वरासत कर दिया। मैंने कई जगह शिकायत किया है लेकिन कहीं सुनावई नहीं हुई है।

ऐसे कई प्रकरण हैं

वहीं पुरे मामले पर जिला अधिकारी का कहना है कि ऐसे कई प्रकरण हैं जिनकी जांच और करवाई जा रही है इतने जो भी कर्मचारी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी यह पुराना प्रकरण है और मीडिया में आने के बाद पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच होती गई है।

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