नई दिल्ली : फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने बुधवार को कहा कि लीजो जोस पेल्लिसेरी द्वारा निर्देशित मलयालम फिल्म ‘जलीकट्टू’ को ऑस्कर में अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म श्रेणी के लिए भारत की ओर से आधिकारिक तौर पर भेजने का फैसला किया गया है । किसी फिल्म को ऑस्कर मिलना उसे ना सिर्फ बड़ा बना देता बल्कि उसे हर जमाने में याद रखा जाता है. इस बार हिंदुस्तान की तरफ से हिंदी नहीं बल्कि एक मलायलम फिल्म को ये मौका मिल गया है. 2019 में रिलीज हुई फिल्म जलीकट्टू ऑस्कर में देश का प्रतिनिधत्व करने वाली है।

बताया जा रहा है जूरी को जलीकट्टू की थीम काफी ज्यादा प्रभावित कर गई है. फिल्म में दिखाया गया है कि इंसान, कई मायनों में जानवर से भी बदत्तर होते हैं. हर किरदार ने दर्शकों संग कनेक्ट किया है और संदेश भी खूबसूरती से दिया गया है. इसी वजह से इस फिल्म को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया है. लेकिन फिल्म के लिए ये राह भी इतनी आसान नहीं रही है।

फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के चयन मंडल के अध्यक्ष फिल्मकार राहुल रवैल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘हिंदी, मलयालम और मराठी समेत कुल 27 फिल्में आयी थी. चयन मंडल ने फैसला किया है कि मलयालम फिल्म ‘जलीकट्टू’ ऑस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी।

हिंदुस्तान की तरफ से भी 27 फिल्में रखी गई थीं. इस लिस्ट में ‘छपाक’, ‘शकुंतला देवी’, ‘छलांग’, ‘गुलाबो सिताबो’, ‘द स्काय इज पिंक’, ‘बुलबुल’ और ‘द डिसाइपल’ जैसी फिल्मों के बीच इसका चयन किया।
‘जलीकट्टू’ को सितंबर 2019 में टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किया गया था और इसे काफी सराहना मिली थी. पिछले साल पेल्लिसेरी को भारत के 50 वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार भी मिला था. वर्ष 2019 में जोया अख्तर की फिल्म ‘गली ब्वॉय’ को भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर ऑस्कर के लिए भेजा गया था।