नई दिल्ली : चीन के साथ तनातनी के बाद इस बार चाइनीज उत्पादों के बाजार को जोर का झटका लगा है। हर बार दिवाली से पहले बाजारों में मेड इन चाइना का बोलबाला होता था, लेकिन इस बार मेड इन इंडिया की धूम दिखाई दे रही है। व्यापार जगत से जुड़े लोगों की मानें तो त्योहार के सीजन में हर साल बलौदाबाजार जिले में 50 से 55 लाख की बिक्री होती थी, जिसमें तकरीबन 90 फीसदी हिस्सेदारी चीन की होती थी, लेकिन इस बार बाजार में चीनी उत्पाद सिर्फ 20 प्रतिशत ही है, वह भी खरीदारों के लिए तरस रहे हैं। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक चली हवा ने खरीदारों को चाइनीज उत्पादों से दूर कर दिया है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि चीन के सामान सस्ते होने की वजह से बाजार में मांग रहती थी, मगर चीन के सामानों में सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के कारण भारतीय इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों और चीन के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कीमतों में विशेष फर्क न रहने के कारण मांग भी घट गई है। शहर के अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में ग्राहकों की मांग के कारण देसी झालरों को बढ़ावा मिल रहा है। अभी तक झालर बाजार पर चीन का 95 फीसदी कब्जा रहा है। महज 5 फीसदी देसी कंपनियां इस बाजार में थीं, हालांकि कोरोना और चीन से हुई तनातनी के बाद स्थितियां बदल गई हैं।

गिफ्ट आइटम में 50 फीसदी की गिरावट
गिफ्ट आइटम, खिलौने, सजावटी सामान, हैंडीक्रॉफ्ट जैसे चीनी उत्पादों में 50 फीसदी तक की गिरावट देखी जा रही है। चीनी वस्तुओं में सबसे अधिक खिलौने, गिफ्ट आइटम, सजावटी सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान सस्ते दामों पर बेचा जाता है, लेकिन जागरूकता की वजह से इस बार दुकानदारों ने चीनी सामान से दूरी बना ली है। बहिष्कार के कारण बाजार में मिट्टी व गोबर से बने दीपों की खरीदारी जोरों पर है। चीनी उत्पादों के खिलाफ बने माहौल का असर यह है कि ग्राहक टैग देखकर (मेड इन चाइना न हो) खरीदारी कर रहे हैं।

इलेक्ट्रॉनिक सामानों के थोक व्यापारी संचालक महेश पंजवानी ने बताया कि बाजारों में चीन का वही माल हमारे पास था जो मार्च के लाॅकडाउन के पहले आया था। उसके बाद कोई माल नहीं आया। भारतीयों में चीनी सामानों के बहिष्कार की आ रही खबरों के कारण चीनी सामानों में मेड इन चाइना की जगह मेड इन इंडिया लिखा था। काउंटर पर आए ग्राहकों को यह बता रहे हैं कि लिखा मेड इन इंडिया है मगर माल चीन का है, यह सुनकर ग्राहक साफ कहते हैं इंडिया का है तो दो, नहीं है तो रहने दो।
