नई दिल्ली : कोविड़ 19 के कारण संसार की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।अमेरिका की इकोनॉमी पर भी इसका बुरा असर पड़ा है। अमेरिकी इकोनॉमी भारत के मुकाबले करीब 7 गुना अधिक बड़ी है।

और यह 21 ट्रिलियन डॉलर की है। यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जो भारतीय इकोनॉमी से करीब 10 गुना ज्यादा है। अमेरिका ने भारत से भी 216 अरब डॉलर का कर्ज लिया हुआ है। 2020 में अमेरिका पर नेशनल डेट 23.4 ट्रिलियन डॉलर का हो गया है। इस हिसाब से हर अमेरिकी पर 72309 डॉलर का कर्ज हो गया है ।
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अमरिका पर अधिक कर्ज
हर अमरिकी पर इस समय करीब 84000 डॉलर का कर्ज है। अमेरिकी कांग्रेस के अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने सबसे ज्यादा चीन और जापान से लोन लिया है। जो उसका दोस्त भी नहीं है। अमरिका ने चीन और जापान दोनों से 1-1 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज ले रखा है। कर्ज के बढ़ते बोझ को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस मूनी ने 1.9 ट्रिलियन डॉलर के नए राहत पैकेज का विरोध किया था। लेकिन उनकी बातो की तरफ ध्यान नही दिया गया था । अमेरिका पर ब्राजील का भी 258 बिलियन डॉलर का कर्ज है। साल 2000 में अमेरिका पर 6 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज था,जो ओबामा शासनकाल में दोगुना हो चुका था । कांग्रेस मूनी ने कहा कि ओबामा आठ सालों तक देश के राष्ट्रपति रहे और उनके शासनकाल में कर्ज का बोझ बहुत तेजी से बढ़ा था। कांग्रेस मूनी ने अन्य सांसदों को भी नए राहत पैकेज को मंजूरी देने से पहले इसके बारे में विचार करने की अपील की थी। पर उन की बातों पर सरकार की ओर से ध्यान ही नही दिया गया ।

भारत का कर्ज
भारत की बात करें तो सरकार ने इस बजट में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 12 लाख करोड़ का कर्ज बाजार से लेने का फैसला किया है। अभी सरकार पर कुल कर्ज 147 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। नए वित्त वर्ष में कर्ज लेने की घोषणा के बाद यह आंकड़ा 159 लाख करोड़ का हो जाएगा। इस वित्त वर्ष में इकोनॉमी में 7.3 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया गया है । इस वित्त वर्ष यानी 2020-21 के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटे का अनुमान जीडीपी का 9.5 फीसदी रखा गया है। अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 के लिए इसे कम करने की कोशिश पर जीडीपी का 6.8 फीसदी रखा गया है।